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૧૨૮ સ્થાની નિમિત | કાર્ય | સૂવનંબર | સૂત્ર ऋ + ऐ ऋऐ | १-२-३६ चादिःस्वरोऽनाङ्। . ऋ+ ओ | रो |१-२-२१ | इवदिरस्वेस्वरयवरलम् । ऋ+ ओ | ऋओ | १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ + ओ | ऋ३ ओ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + ओ | ऋओ | १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्। ऋ + औ रौ १-२-२१ इवांदेरस्वेस्वरेयवरलम्। + + औ | ऋ औ | १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा।। ऋ३ + औ| ऋ३ औ| १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + औ | ऋ औ | १-२-३६ | चादिः स्वरोऽना।
ललललललल ललल
कृ ऋ + अ र १-२-२१ | इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् ।
ऋ + अ | ऋ अ | १-२०२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ + अ ऋ३ अ | १-२-३२ | प्लुतोऽनिती। ऋ + अ अ | १-२-३६ | चादिः स्वरोऽनाङ्। ऋ +आ रा १-२-२१ | इवांदेरस्वे स्वरेयवरलम् । ऋ + आ | ऋ आ | १-२-२२ । ह्रस्वोऽपदेवा। ... ऋ३ + आ ऋ३ आ| १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + आ | ऋआ | १-२-3६ | चादिःस्वरोऽनाङ्। ऋ+ इ |रि १-२-२१ | इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । ऋ + इ | ऋइ | १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ + इ | ऋ३ इ
| १-२-३२ प्लुतोऽनितौ! ऋ + इ | ऋइ | १-२-36 चादिःस्वरोऽनाङ्। ऋ +ई
इवर्णादेरस्वे स्वरेयवरलम् ।
ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ +ई
ऋ३ ई
१-२-३२ प्लुतोऽनितौ। कृ. + ई ऋई | १-२-३६ | चादिःस्वरोऽनाङ्। ऋ + उ रु
इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम्।
१-२-२
ऋ+ई
-२-२