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શ્રી સિદ્ધહેમચન્દ્રશબ્દાનુશાસનસૂવાકારાઘનુક્રમણિકા [ ૬૦૭
सूत्रम्। सूत्राङ्क। । सूत्रम्। सूत्राङ्क। भावादिमः ॥ ६-४-२१ ॥ भूतवच्चा० ॥ ५-४-२॥ भावे ॥ ५-३-१२२ ॥
भूते ॥ ५-४-१०॥ भाव चाशि० ॥ ५-१-१३०॥ भूयःसंभूयो० ॥ ६-१-३६ ॥ भावे त्वतल ॥ ७-१-५५ ॥ भूलुक चेवर्णस्य ॥ ७-४-४१ ॥ भावेऽनुपसर्गात् ॥५-३-४५॥ भूश्यदोऽल ॥ ५-३-२३ ॥ भिक्षादेः ॥ ६-२-१० ॥ भूषाकोधार्थ० ॥ ५-२-४२ ॥ भिक्षा सेन० ॥ ५-१-१३९ ॥ भूषादर क्षेपे० ॥ ३-१-४ ॥ भित्तं शकलम् ॥४-२-८१ ॥ भूषार्थसन्० ॥ ३-४-९३ ।। भिदादयः ॥ ५-३-१०८ ॥ भूस्खपोरदुतौ ॥४-१-७० ॥ भियो नवा ॥ ४-२-९९ ॥ भृगो नाम्नि ॥ ५-३-९८ ॥ भियो रुरुकलुकम् ॥५-२-७६॥ । भृगोऽसंज्ञायाम् ॥ ५-1-४५ ॥ मिस एस् ॥ १-४-२॥
भृग्यङ्गिरस्कु० ॥ ६-१-१२८ ॥ भीमादयो० ॥ ५-१-१४ ॥ भृजो भजे ॥ ४-४-६ ॥ भीरुष्ठानादयः ॥२-३-३३ ॥ भृतिप्रत्य-कः ॥ ७-३- ४०॥ भीषिभूषि० ॥ ५-३-१०९॥ भृतौ कर्मणः ॥ ५-१-१०४ ॥ भीहीभृहोस्ति० ॥ ३-४-५० ॥ भृवृजितृ० ॥ ५-१-११२ ॥ भुजन्युज० ॥ ४-१-१२० ॥ . भृशाभीक्षण्या० ।। ७-४-७३॥ भुजिषत्या० ॥ ५-३-१२८ ॥ भृशाभीक्ष्ण्ये० ॥ ५-४-४२ ॥ भुजा-भक्ष्ये ॥४-१-११७ ॥ भेषजादिभ्य० ॥ ७-२-१६४॥ भुनजोऽत्राणे ॥ ३-३-३७ ॥ भोगवद्गौरिमतो० ॥३-२-६५॥ भुवो वः-न्योः ॥४-२-४३ ॥ भोगोत्तर-नः ॥ ७-१-४० ॥ भुयाऽवज्ञाने वा ॥५-३-६४॥ भोजसूतयोः० ॥२-४-८१ ।। भूङः प्राप्त! णिङ्॥३-४-१९॥ भौ क्ये षु० ।। ६-२-६८॥ भूजेः ष्णुक ॥ ५-२-३० ॥ भ्राज्यलकम् ॥५-२-२८॥ भूतपूर्व पचरट् ॥ ७-२-७८॥ | भ्रातुर्व्यः ॥ ६-१-८८ ॥