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५८२ ] सिम - पालामाधिना
सूत्रम्। सूत्राङ्क। । सूत्रम्। सूत्राङ्क। ग्लाहाज्यः ॥ ५-३-१९८ ।। यः ॥ ३-२-६४ ॥ घनि भावकरणे ॥४-२-५२॥ ड्यादीदूतः के ॥२-४-२०४। घञ्युपसर्ग० ॥ ३-२-८६ ॥ ज्यादेगीण ॥ २-४-९५ ॥ घटादेह्रस्वो० ॥ ४-२-२४ ॥ यापी बहुलं० ॥ २-४-९९ घसेकस्वरा० ॥४-४-८२ ॥ योप्त्यूङः ॥ ६-१-७० ॥ घस्ल सन० ॥ ४-४-१७ ॥ . चक्षो वाचि० ॥ ४-४-४ ॥ घस्वसः ॥ २-३-३६ ॥ चजः कगम् ॥ २-१-८६ ॥ घुटि ॥ १-४-६८ ॥
चटकाण्णरः० ॥ ६-१-७९ ॥ घुषेर विशब्दे ॥ ४-४-६८ ॥ चटते-तीये ॥ १-३-७ ॥ घोपवति ॥ १-३-२१ ॥ चतुत्राद्धम् ॥३-१-६६ ॥ घोषदादेरकः ॥ ७-२-७४॥ चतुरः ॥ ७-१-१६३ ॥ घाध्मापाधे० ॥ ५-१-५८ ॥ चतुर्थी ॥ २-२-५३ ॥ घामोर्यङि ॥ ४-३-९८ ॥ चतुर्था प्रकृत्या ॥ ३-१-७० ॥ घण्यावश्यके ॥४-१-११५ ॥ चतुर्मासान्नाम्नि ॥६-३-१३३॥ उसेश्चाद् ॥ २-१-१९ ॥ चतुष्पाद० ॥ ३-१-११२ ॥ उसोऽपत्ये ॥६-१-२८ ।।। चतुष्पादय० ॥ ६-१-८३ ॥ ङस्युक्तं कृता ॥ ३-१-४९ ॥ चतुस्त्रा -सि ॥ २-३-७४ ॥ डिडौं ॥ १-४-२५॥
चत्वारिंशदादो० ॥३-२-९३॥ ङित्यदिति ॥ १-४-२३ ।।। चन्द्रयुक्तात्० ॥६-२-६॥ उ: स्मिन् ॥ १-४-८॥ चन्द्रायण च० ॥ ६-४-८२ ॥ डेङसा ते मे ॥ २-१-२३ ॥ चरकमा-नञ् ॥ ७-१-३९ ॥ उङस्योर्यातौ ॥ १-४-६ ॥ चरणस्य० ॥३-१-१३८॥
षिवः पीप्य् ॥ ४-१-३३ ॥ चरणादका ॥ ६-३-१६८ ॥ डी सासहि० ॥ ५-२-३८ ॥ चरणाद्धर्मवत् ॥६-२-५३॥ णोः कटा-वा ॥१-३-१७॥ | चरति ॥ ६-४-११ ॥