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પુષ્કર ) સિદ્ધહેમ – બાલાવબોધિની
सूत्रम् ।
ऋणे प्र-रू ॥ १-२-७ ॥
ऋत इकण् ॥ ६-३-१५२ ॥ ऋतः ॥ ४-४-७९ ॥ ऋतः स्वरे वो ॥ ४-३-४३ ॥ ऋतां विद्यायो० ।। ३-२-३७ ॥
ऋते तृ-से ॥ १-२-८ ॥ ऋते द्वितीया च ॥ २-२-११४॥ ऋतेयः ॥ ३-४-३॥ ऋतो डुरू ॥ १-४-३७ ॥ ऋतोऽत् ॥ ४-१-३८ ॥ ऋतोरः - नि ॥ २-१-२ ॥ ऋतो रीः ॥ ४-३-१०९ ॥ ऋतो वा तौ च ॥ १-२-४ ॥ ऋतृषमृषकृश० ॥ ४-३-२४ ॥ ऋत्या रुप० ॥ १-२-९ ॥ ऋत्वादिभ्योऽण् ॥ ६-४-१२५ ॥ ऋत्विन्दिश्० ॥ २-१-६९ ॥ ऋदुदितः ॥ १-४-७० ॥ ऋदुदित्तरतमः ॥ ३-२-६३॥ ऋदुपान्त्यद० ॥ ५-१-४१ ॥ ऋदुशनस्पु-र्डाः ॥ १-४-८४ ॥ ऋवर्णस्य ॥ ४-२-३७ ॥ ऋनदीवंश्यस्य ॥ ३-२-५॥ ऋद्ध ईत् ॥ ४-१-१७ ॥ कन्नरादेरण् ॥ ६-४-५१ ॥
सूत्राङ्क ।
सूत्रम् । सूत्राङ्क ऋन्नित्यादितः ॥ ७-३-१७१ ॥ ऋफिडादीनां० ॥ २-३-१०४॥ ऋमतां रीः ॥ ४-१-५५ ॥
ऋरललं - पु ॥ २-३-९९ ॥ ऋवदृशोऽङि ॥ ४-३-७ ॥ ऋवर्णव्यञ्जनाद्० ।। ५-१-१७ ॥ ऋवर्ण यूगः० ॥। ४-४-५७ ॥ ऋवर्णात् ॥ ४-३-३६ ॥ ऋवर्णोवर्ण- लुक् ॥ ७४–७१ ॥ कवर्णावर्णा च ॥ ७-३-३७ ॥ ऋव्येद इट् ॥ ४-४-८० ॥ ऋश्यादेः कः ॥ ६-२-९४ ॥ ऋषभोपा - ञ्यः ॥ ७-१-४६ ॥ ऋषिनाम्नोः करणे ॥५-२-८६॥ ऋषिवृण्यन्धक० ॥ ६-१-६१ ॥ ऋषेरध्याये ॥ ६-३-१४५ ॥ ऋषौ विश्वस्य० ॥ ३-२-७९ ॥ ऋस्मिपुङअशो० ॥ ४-४-४८ ॥
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प्राधाव | ४-२-७६ ॥ ऋतां किती ॥ ४-४-११६ ॥ ऋदिच्छ्विस्तम्भू० ॥३-४-६५॥ ऋल्वादेरे - प्र || ४-२-६८ ॥ ऋस्तयोः ॥ १-२-५॥
ऌत-वा ॥ १-२-३ ॥ ऌत्याल-वा ॥ १-२-११ ॥