SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 53
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री दशवैकालिकसूत्र भाषांतर का एक संस्करण प्रकाशित किया। दशवैकालिक का भद्रबाहु नियुक्ति सहित प्रकाशन आंग्ल भाषा में E.Leumann द्वारा ZDMG से प्रकाशित करवाया गया (Vol. 46, PP 581-663)। सन् १९३३ में जिनदास कृत चूर्णि का प्रकाशन ऋषभदेवजी केसरीमलजी जैन श्वेताम्बर संस्था रतलाम से हुआ। सन् १९४० में संस्कृत टीका के साथ संपादक आचार्य हस्तीमलजी महाराज ने जो दशवकालिक का संस्करण तैयार किया वह मोतीलाल बालचन्द मूथा सतारा के द्वारा प्रकाशित हुआ। सन् १९५४ में सुमति साधु विरचित वृत्ति सहित दशवैकालिक का प्रकाशन देवचन्द लालभाई जैन पुस्तकोद्धार सूरत से हुआ। नियुक्ति, अगस्त्यसिंह चूर्णि का सर्वप्रथम प्रकाशन सन् १९७३ में पुण्यविजयजी महाराज द्वारा संपादित होकर प्राकृत ग्रन्थ परिषद् वाराणसी द्वारा किया गया। विक्रम संवत् १९८१ में आचार्य आत्मारामजी कृत हिन्दी टीका सहित दशवकालिक का संस्करण ज्वालाप्रसाद माणकचन्द चौहरी महेन्द्रगढ़ (पटियाला) ने प्रकाशित किया। उसीका द्वितीय संस्करण विक्रम संवत् २००३ में जैनशास्त्रमाला कार्यालय लाहौर से हुआ। सन् १९५७ और १९६० में आचार्य घासीलालजी महाराज विरचित संस्कृतव्याख्या और उसका हिन्दी और गुजराती अनुवाद जैनशास्त्रोद्धार समिति राजकोट से हुआ। वीर संवत् २४४६ में आचार्य अमोलक ऋषिजी ने हिन्दी अनुवाद सहित दशवैकालिक का एक संस्करण प्रकाशित किया। वि.सं. २००० में मुनि अमरचंद्र पंजाबी संपादित दशवैकालिक का संस्करण विलायतीराम अग्रवाल माच्छीवाड़ा द्वारा प्रकाशित हुआ और संवत् २००२ में घेवरचंदजी बांठिया द्वारा सम्पादित संस्करण सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था बीकानेर द्वारा और बांठिया द्वारा ही संपादित दशवैकालिक का एक संस्करण संवत् २०२० में साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ सैलाना से प्रकाशित हुआ। सन् १९३६ में हिन्दी अनुवाद सहित मुनि सौभाग्यचन्द्र सन्तबाल ने संपादित किया, वह संस्करण श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कान्फ्रेंस बम्बई ने प्रकाशित करवाया। मूल टिप्पण सहित दशवैकालिक का एक अभिनव संस्करण मुनि नथमलजी द्वारा संपादित वि.सं. २०२० में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा पोर्चुगीज चर्च स्ट्रीट, कलकत्ता से और उसी का द्वितीय संस्करण सन् १९७४ में जैन विश्व भारती लाडनूं से प्रकाशित हुआ। सन् १९३९ में दशवकालिक का गुजराती छायानुवाद गोपालदास जीवाभाई पटेल ने तैयार किया, वह जैन साहित्य प्रकाशन समिति अहमदाबाद से प्रकाशित हुआ। इसी तरह दशवैकालिक का अंग्रेजी अनुवाद जो w. Schubring द्वारा किया गया, अहमदाबाद से प्रकाशित हुआ है। सन् १९३७ में पी.एल. वैद्य पूना ने भी दशर्वकालिक का आंग्ल अनुवाद कर उसे प्रकाशित किया है। दशवैकालिक का मूल पाठ सन् १९१२, सन् १९२४ में जीवराज घेलाभाई दोशी अहमदाबाद तथा सन् १९३० में उम्मेदचंद रायचंद अहमदाबाद,सन १९३८ में हीरालाल हंसराज जामनगर, वि.सं. २०१० में शान्तिलाल वनमाली सेठ ब्यावर, सन् १९७४ में श्री तारक गुरु जैन ग्रन्थालय उदयपुर तथा अन्य अनेक स्थलों से दशवकालिक के मूल संस्करण छपे हैं। श्री पूण्यविजयजी द्वारा संपादित और श्री महावीर जैन विद्यालय बम्बई से सन् १९७७ में प्रकाशित संस्करण सभी मूल संस्करणों से अधिक महत्त्वपूर्ण है। इस संस्करण में प्राचीनतम प्रतियों के आधार से अनेक शोधप्रधान पाठान्तर दिए गए हैं, जो शोधार्थियों के लिए बहत ही उपयोगी हैं। पाठ शुद्ध है।
SR No.005784
Book TitleDashvaikalik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages402
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_dashvaikalik
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy