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निर्युक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः
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कयपच्चक्खाणोऽवि ..... ॥१५८७ ॥ कयाक १ केण..... ॥१०२७॥ ॥ भा. २०८ ॥ करकंडु कलिंगेस, ॥१०१६ ॥ करणे १ भए ..... ।। सू. ।। करेमि भते । सामाइयं....... कलहकरो डमरकरो .....॥१०७४ | कल्लं सव्विड्ढीए. ॥३३५॥ कसिणं केवलकप्पं ...... कस्स न......
एयं किइकम्मविहिं.
एवं चव्विहं.......
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ओगाहणाइ सिद्धा ०.... ॥९७४॥ कयपंचनमुक्कारो ॥१०१४॥ ओदइए १ ओवस ०... भा. २०१ ॥ ओमंपाहारंता अजीर०... ॥ मा. ७॥ ॥१४३॥ ओमे सीसपवासं ।। ११७९ ।। ।।१३६५ ।। ओरालिअवेडविअ०..... ॥ ४१ ॥ ।।१४०७ ।। ओरालियवेडव्यियआ..... ।। १४३५|| ।।१२३१ ।। ओरालियवेउब्वियआहारी..... ॥९॥ ॥ध्या २४ ।। ओरालियाड़ ०..... ॥ भा. १५९॥ एवं चैव पमाणं ...... ॥ ५८१ ॥ ओसप्पिणी इमीसे...... ॥ १५०॥ एवं जहन्नमुक्कोस..... ॥ मा. १६४॥ ओहावणं परेसिं....... ।। ११८२ ॥ एयं पच्चक्खाणं. ।। १५७४ ।। ओही खित्तपरिमाणे..... ||२७|| एवं सामायारिं जुंजंत.... ॥७२३॥ एवं अभियुक्त....... ॥ भा. ८८ ॥ एवं एए कहिया...... ॥७८४ ॥ एवं ककारलंंभो....... ॥१०२९ ॥ एवं खु सीलवतो. ।। ११२१ ॥ ॥ध्या. १० ॥ ।। ध्या. ७६ ॥ ॥ ५३८ ॥
।।१०७९ ।।
॥१३७॥
॥१०२८ ॥
॥९५८॥
॥१५०२॥
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कह सामाइअलंभो ?. कहिं पहिया सिद्धा..... काउं हिअए दोसे. काउस्सग्गं मुक्ख...... काउस्सग्गंमि ठिओ..... काउस्सग्गे जह......
।। १४९९ ।।
॥ प्र ।। ।।१५५४॥
एवं चव....... एवं चिय वयजोग ...... एवं तवोगुणरओ. एवं बद्धमबद्ध..... एवं य कालगयंमी.......
||१०२३ ॥ ॥ पा. ३२ ॥ एवं सदेवमणुआ.... ॥ मा. १०५ ॥
एवं सव्वंमिवि एवं सामाचारी.....
एवं सो रुइअमई.
एवंविहा गिरा ....... एवण् थोकणं.....
एमेव बलसमग्गो....... एमेव य कुंथुस्सवि एमेव व जोगा ....... एमेव य निद्देसो...... एमेव य पासवणे एमेव व समणीयं
......
.....
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एवमणुचितंतस्स एस चरितुस्सग्गो.....
एसा उ विही सव्वा.
एसो उ असज्झाओ एसो दिसाविभागो एसोवि न दिक्खि० [ ओ ]
प्र. । ॥२९३॥ ॥। १४७९ ।।
......
॥मा. १८५ ॥ ||७२२|| ॥३५९॥
।। १४७९ ।।
......
[क]
कम्मविवेगो असरीरयाय .... ॥७४७॥ कयलिसमागम भोयण..... ॥४८३ ॥ कंतारे दुब्भिक्खे...... ॥ भा. २५२॥ . ।। ११०४ ।। कइओणवं कईसिर ०
कइहि समएहि लोगो,..... कट्टे १ पुत्थे....
कडिपट्टए व हिली.... कणगा हणति,
कत्ति कडं मे पावं.
कत्ति कडं मे.....
कत्तिअबहुले पंचमि कत्तिअसुद्धे तझ्या ......
कत्तो मे वण्णेडं......
कत्तो मे वण्ठं......
॥१०॥
॥१३५॥
काऊण एगछतं काऊण य अभि....... काऊणमणेगाई. काए उस्सग्गंमि य......
पा. १३॥ ॥१३९०॥
।।
।। १५०८ ॥ काएं सरीर देहे. ||६८७ ||काएविय अज्झष्णं ...... काओ कस्सइ नाम....... कामं उभयाभावो .......
★ खा गाथा नि. १५४१ पछी छे. १०१४पछी
.....
॥२४२॥ ॥२४५॥ ॥ १८ ॥
||२६ ॥
॥ भा. २३१॥
।। १४४८ ।।
।।१४७२ ।।
॥१४३२ ॥
।।११३५ ॥ कामं चरणं भावो तं .....||११४१ ॥
कामं देहावयवा ......
॥१४१० ॥
॥४२९ ॥
कप्पट्ठगरू यस्स उ........
॥१४४० ॥
॥३५२ ॥
कप्पस्स य.....
॥१३४० ॥
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॥पा.६७॥ ॥८५॥ ।।१५२६ ।। कप्याकप्पे परिणिट्टियस्स.. ॥६८८॥ ॥पा. ६४॥ कमभिण्णवयणभिण्णं..... ॥८८२॥ ॥१३६२॥ कम्मं किसिवाणिज्जाइ३ ॥ भा. १२॥ ।।पा ६५॥ कम्मं जमणायरिओ०.... ॥ ९२८ ॥ ॥१०३८ ॥ ॥ पा. २८ ॥ कम्ममवज्जं जं कम्मे ९ सिप्पे अ २ ॥८५३॥ ॥९२७॥ कालमणतं च सुए. कम्मोवfरं..... ॥४०॥ काला० सुणगारे ॥४७६॥ + १४८८ पछी.
कामं भवियसुराइसु. कामं सुओवओगो.. कायस्स उ निक्खेवो......।।१४३० ॥ ॥११५७॥ कारणकज्जवि ०...... कालचउक्कं उक्को ०..... ॥१३९५ ॥ कालचक्के णाण०....... कालजतिच्छविदोसा
॥ १८८३ ।।
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॥भा. ३६॥
॥ भा. ६६ ॥ १८३९॥
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