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________________ निर्युक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः 309 ॥ कयपच्चक्खाणोऽवि ..... ॥१५८७ ॥ कयाक १ केण..... ॥१०२७॥ ॥ भा. २०८ ॥ करकंडु कलिंगेस, ॥१०१६ ॥ करणे १ भए ..... ।। सू. ।। करेमि भते । सामाइयं....... कलहकरो डमरकरो .....॥१०७४ | कल्लं सव्विड्ढीए. ॥३३५॥ कसिणं केवलकप्पं ...... कस्स न...... एयं किइकम्मविहिं. एवं चव्विहं....... ***** ओगाहणाइ सिद्धा ०.... ॥९७४॥ कयपंचनमुक्कारो ॥१०१४॥ ओदइए १ ओवस ०... भा. २०१ ॥ ओमंपाहारंता अजीर०... ॥ मा. ७॥ ॥१४३॥ ओमे सीसपवासं ।। ११७९ ।। ।।१३६५ ।। ओरालिअवेडविअ०..... ॥ ४१ ॥ ।।१४०७ ।। ओरालियवेडव्यियआ..... ।। १४३५|| ।।१२३१ ।। ओरालियवेउब्वियआहारी..... ॥९॥ ॥ध्या २४ ।। ओरालियाड़ ०..... ॥ भा. १५९॥ एवं चैव पमाणं ...... ॥ ५८१ ॥ ओसप्पिणी इमीसे...... ॥ १५०॥ एवं जहन्नमुक्कोस..... ॥ मा. १६४॥ ओहावणं परेसिं....... ।। ११८२ ॥ एयं पच्चक्खाणं. ।। १५७४ ।। ओही खित्तपरिमाणे..... ||२७|| एवं सामायारिं जुंजंत.... ॥७२३॥ एवं अभियुक्त....... ॥ भा. ८८ ॥ एवं एए कहिया...... ॥७८४ ॥ एवं ककारलंंभो....... ॥१०२९ ॥ एवं खु सीलवतो. ।। ११२१ ॥ ॥ध्या. १० ॥ ।। ध्या. ७६ ॥ ॥ ५३८ ॥ ।।१०७९ ।। ॥१३७॥ ॥१०२८ ॥ ॥९५८॥ ॥१५०२॥ ****** कह सामाइअलंभो ?. कहिं पहिया सिद्धा..... काउं हिअए दोसे. काउस्सग्गं मुक्ख...... काउस्सग्गंमि ठिओ..... काउस्सग्गे जह...... ।। १४९९ ।। ॥ प्र ।। ।।१५५४॥ एवं चव....... एवं चिय वयजोग ...... एवं तवोगुणरओ. एवं बद्धमबद्ध..... एवं य कालगयंमी....... ||१०२३ ॥ ॥ पा. ३२ ॥ एवं सदेवमणुआ.... ॥ मा. १०५ ॥ एवं सव्वंमिवि एवं सामाचारी..... एवं सो रुइअमई. एवंविहा गिरा ....... एवण् थोकणं..... एमेव बलसमग्गो....... एमेव य कुंथुस्सवि एमेव व जोगा ....... एमेव य निद्देसो...... एमेव य पासवणे एमेव व समणीयं ...... ..... ..... एवमणुचितंतस्स एस चरितुस्सग्गो..... एसा उ विही सव्वा. एसो उ असज्झाओ एसो दिसाविभागो एसोवि न दिक्खि० [ ओ ] प्र. । ॥२९३॥ ॥। १४७९ ।। ...... ॥मा. १८५ ॥ ||७२२|| ॥३५९॥ ।। १४७९ ।। ...... [क] कम्मविवेगो असरीरयाय .... ॥७४७॥ कयलिसमागम भोयण..... ॥४८३ ॥ कंतारे दुब्भिक्खे...... ॥ भा. २५२॥ . ।। ११०४ ।। कइओणवं कईसिर ० कइहि समएहि लोगो,..... कट्टे १ पुत्थे.... कडिपट्टए व हिली.... कणगा हणति, कत्ति कडं मे पावं. कत्ति कडं मे..... कत्तिअबहुले पंचमि कत्तिअसुद्धे तझ्या ...... कत्तो मे वण्णेडं...... कत्तो मे वण्ठं...... ॥१०॥ ॥१३५॥ काऊण एगछतं काऊण य अभि....... काऊणमणेगाई. काए उस्सग्गंमि य...... पा. १३॥ ॥१३९०॥ ।। ।। १५०८ ॥ काएं सरीर देहे. ||६८७ ||काएविय अज्झष्णं ...... काओ कस्सइ नाम....... कामं उभयाभावो ....... ★ खा गाथा नि. १५४१ पछी छे. १०१४पछी ..... ॥२४२॥ ॥२४५॥ ॥ १८ ॥ ||२६ ॥ ॥ भा. २३१॥ ।। १४४८ ।। ।।१४७२ ।। ॥१४३२ ॥ ।।११३५ ॥ कामं चरणं भावो तं .....||११४१ ॥ कामं देहावयवा ...... ॥१४१० ॥ ॥४२९ ॥ कप्पट्ठगरू यस्स उ........ ॥१४४० ॥ ॥३५२ ॥ कप्पस्स य..... ॥१३४० ॥ ***... ॥पा.६७॥ ॥८५॥ ।।१५२६ ।। कप्याकप्पे परिणिट्टियस्स.. ॥६८८॥ ॥पा. ६४॥ कमभिण्णवयणभिण्णं..... ॥८८२॥ ॥१३६२॥ कम्मं किसिवाणिज्जाइ३ ॥ भा. १२॥ ।।पा ६५॥ कम्मं जमणायरिओ०.... ॥ ९२८ ॥ ॥१०३८ ॥ ॥ पा. २८ ॥ कम्ममवज्जं जं कम्मे ९ सिप्पे अ २ ॥८५३॥ ॥९२७॥ कालमणतं च सुए. कम्मोवfरं..... ॥४०॥ काला० सुणगारे ॥४७६॥ + १४८८ पछी. कामं भवियसुराइसु. कामं सुओवओगो.. कायस्स उ निक्खेवो......।।१४३० ॥ ॥११५७॥ कारणकज्जवि ०...... कालचउक्कं उक्को ०..... ॥१३९५ ॥ कालचक्के णाण०....... कालजतिच्छविदोसा ॥ १८८३ ।। ***** ***** ***** ..... ****** ॥भा. ३६॥ ॥ भा. ६६ ॥ १८३९॥ ***** ***** *****
SR No.005759
Book TitleAvashyak Niryukti Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAryarakshitvijay
PublisherVijay Premsuri Sanskrit Pathshala
Publication Year2010
Total Pages356
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & agam_aavashyak
File Size8 MB
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