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________________ (२०) श्रीजो दिवस ता. २९-११-०४. मांगलिक गीत. एक राग काफी-ताल दीपचंदी. विलंब क ल मात्रा १४. सिद्ध भये सब काज रे ! आज सफल घडी भयो. सिद्ध. चडते रंगे, अति उछरंगे, जीव दयादि काज, जैन मंडल करे, पुण्य भंडार भरे, तरे संसार अनावरे. आज दीन दुःखी जे जगमे प्राणी, जाणी सबको त्रास, खास विचार करे, घटमांही, पुरे मनकी आशरे. आज० पक्ष कदाग्रह दूर तजीने, जापो सब एक सार, निराशी निराधार जीवोमे, भेद न जाणे लगाररे. आज तप जप दानादिक जे किरिया, तब लग सफल न जाण, जब लग जीव दया नहीं घटमे वार वचन प्रमाणरे. आज १९ प्रमुख साहेब, मानवंत प्रतिनिधियो अने प्रेक्षको निमेले वखते स्वस्थाने चि राजतां श्रीजैन गायनशाळाना विद्यार्थी ओ वाजिंत्रनाद प्रमुख साहेब तरफना बे - साथे मांगलिक गीत गाइ रह्या पछी प्रमुख साहेच तर फयी नीचला बे ठरावो रज़ करवामां आया: ठरावो. आठमो ठराव. शत्रुजय तीर्थनी आशातना माटे दिलगीरी. आपणा पवित्र शत्रुजय तीर्थ उपर पालीताणाना ठाकोर साहवे जे महान् आशातना करेली छे ते माटे आ कॉन्फरन्स अत्यंत दिलगीर छ; अने ते संबंधां शेठ आणंदजी कल्याणजी तरफथी जे पगलां भरवामां आवे छे तेने आखा हिंदुस्थानना जैन वर्गना आगेवानोनी मळेली आ कॉन्फरन्स अतःकरणथी संमति आये छे. ठाकोर साहेब एक पछी एक अडचण उभी करे जाय छे, अने शेठ आणंदजी कल्याणजी तरफथी सुलेहशांति जाळक्वा माटे अनेक उपायो लेवामा आवे छे, छतां तेनुं परिणाम ठाकोरसाहेब तरफथी असंतोषमां लाववामां आछे. ते मारे आ कॉन्फरन्स पोतानो खेद प्रदर्शित करे छे, अने उमेद राखे छे के, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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