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________________ ( ३७ ) उपरथी निपजावेलो चार संजीवनी न्यायनो छे. बीना देखावो अन्य धर्मनी निंदानो परिहार, एकांतवादथी थती मूलो, जनस्वमावनी विचित्रता, गृहस्थीनी मोह दशा, मनःशुद्धि अने खरो मोक्ष मार्ग समजाववा माटे योनेला छे. बोजा ज्ञान विभागमां, जैन धर्मना प्राचीन ग्रंथोना नमुना, मां ताडपत्र उपर अने सोनाना अक्षरे लवेली प्रतो छे. ते पूर्व काळना महा पुरुषोनी दृढ धर्म श्रद्धा बतावी आपे छे. एक प्रततो गृहस्थाश्रममा चित्रकूटना राजाना पुरोहित अने पछीथी जैन धर्मनी दिक्षा अंगीकार कारनार श्रीहरिभद्र सूरिनी रचेली ललितविस्तरा चैत्यस्तववृत्तिनी छे. ए सिवाय बीना उपगरणोमां हाथीदांतनुं उत्तम कारीगरी, चौद स्वप्न- एक पाठं अने साचा मोतीना भरत कामनुं पार्छ पाटली, चाबखी विगेरे अति आल्हादकारी छ; अने बुद्धिवर्धक वस्तुओनो संग्रह विद्याविलासीओने ध्यानमा लेवा योग्य छे. ___ त्रीमा दर्शन विभागमां, तीर्थकर भगवान् जेना उपर विराजी भव्य जोवोने संसार समुद्रमांथी तारनार देशना देता हता, तेना ख्याल आपवा माटे अहींना श्रीसंघे करावेलुं एक चांदीनुं समवसरण, ते सिवाय सम्मेत शिखर विगरे तीर्थना चित्रपटो चित्ताकर्षक छे. चोथा चारित्र विभागमा साधनां उपकरणो विगेरे छ. पांचमां विभागमां, अहिंसा परमो धर्मः ए सिद्धांत प्रमाणे चरबी विगेरेनो स्पर्श न आवे तेवा साबु मणिवत्तीओ विगेरेनो संग्रह छे, जेनो उपयोग मंदिरादि पवित्र स्थानोमां पण करवा हरकत आवे तेम नथी. छेल्ला जथामां, परदेशी मालनी साथे हरीफाई करी शके ते वा देशी मालनो संग्रह करवानी योजना छे. उपर प्रमाणे अमे प्रथम प्रयास कर्यों छे, अने तेने माटे पुरतो वखत मळी शक्यो नथी, तेथी प्रदर्शन जोईए तेवा विस्तारवाळु थई शक्यं नथी. हवे श्रीमंत युवराज फत्तेसिंहराव महाराजे कृपा करी अमाहं आमंत्रग स्वीकार्य अने कडी प्रांतमाथी आ प्रदर्शन उवाडवा माटे खास पधारवानी तस्दी लीधी तेने माटे हुं फरीथी अभिनंदन आपुंछ अने तेओश्रीने आ प्रदर्शन खुल्लु मूकवा माटे विनंती करुं छं. १ श्रीआनंदघनजीमहाराज कृत षड्दर्शन जिन अंगभणीजे ई. स्तवन उपरथी समय पुरुषनो २ पांच आंधळा अने हाथीनो ३ छलश्या कठीआरने आंबानो ४ मधुबिंदुनो ५ धोवीडानी सज्झायनो ६ वणजारानी सज्झायनो. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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