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माना आलंबननुं निश्चय करावनार कारण थवा योग्य छे. बंधुओ ! शोधखोळ विनाज सहेजे उपली बाबतो मळी आवी छे, तो खास हेतुपूर्वक जो शोधो थाय तो घणो लाभ थाय. बंधुओ ! आपे श्रीभद्रेश्वर ( कच्छ मुद्राथी छ गाउ ) जोयुं हशे; अथवा एनुं नाम सांभळयुं हशे त्रण दायका उपर तो त्यां टींबा टेकरा ने खंडियरो देखातां हतां, पण अनायासे त्यांथी पसार थता कोइ यतिने ए मंदिरनो भाग जोवामां आग्यो, जे खोदावतां हाल एक प्राचीन भव्य मंदिर तेमांथी मळी आव्युं छे. तेमां वीरप्रभुनी प्राचीन भव्य प्रतिमा छे. जीर्ण देरीयो फरती छे ते हाल समरावी छे. मंदिर जमी - नमां उडुं पेसी गयुं छे. गृहस्थो ! पाटण, वळा पूर्वनी कल्याणक भूमि, कावी - गांधार आदि अनेक प्राचीन स्थळो छे के ज्यांथी अवार नवार प्राचीन लेखो प्रतिमाओ शिक्का आदि मळी आवे छे. आवां स्थळोनी शोधखोळ करावी, ते शोधखोळना रिपोर्टों बहार पाडवानी, ते शोधखोळो जाळवी राखवानी, समराववानी बहु बहु अगत्य छे. बंधुओ ! मुंबई पासेनी कॅनेरी केव्झ ( गुफाओ ), अॅल्फन्टा केव्झ, एजन्टा केव्झ, ए वगेरे पण घणो प्रकाश आपे एम छे. मद्रास पासे कोंजेवरमथी ऋण माइल छेटे एक प्राचीन भव्य जीन मंदिर छे. आ मंदिर दिगंबरी छे छतां तत्वनी दृष्टिए दिगंबर श्वेतांबर मां भेद न होवाथी एनी खोळ बहु लाभकारक छे. त्यां विक्रम संवत पहेला सैकामां थइ गएल महान कुंदकुंदाचार्यनां पगलां छे; अने तेना वखतना लेखों छे. त्यां पंदरसो वरसनी जुनी एक श्रीकल्प सूत्रनी प्रत छे. अजायबी जेवुं एछे के हिंदमां आवेलां एवां प्राचीन जैन स्थळनी आपणने हींदी जैनने खबर नथी, ज्यारे ज्यारे त्यां खास जोवा खातर फ्रान्स, अमेरिका, वेर दूरथी अॅन्टी कवेरीयन्स ( शोधखोळ करनारा ) आवे छे. गृहस्थो ! दक्षिणमां तांजोरमां एक प्राचीन पुस्तकालय छे, त्यां छ हजार ताडपत्र उपर लखेला प्राचीन लेखो छे. ते पुस्तकालय बधा माटे खुल्लुं छे. तेनो त्यां उपयोग थइ शके छे; त्यांथी लइ जवा देता नथी. मैसुरमां बेंग्लोर पासे श्रवण बेल्गुल स्थान छे, त्यां श्री बाहुबळ स्वामीनी ( गोमट्टेश्वरनी) अति अद्भुत भव्य महान प्रतिमा ( colossal statue ) छे ते सतिर फीटचौद मांथोडां उंचुं छे. जंगलमां भव्य देखाय छे. ते काउसग मुद्रा छे. तेनी बन्ने बाजुए प्राचीन लेखो छे. ते मैसुर गवर्मेन्टना सेक्रेटरी लुइ राइसे इंग्रेजीमां मूळ साथै प्रगट कर्या छे. गृहस्थो ! जे भव्य प्रतिमानी आपणने खबर नथी. तेना पद्मासनना वचला भागमां उभा रही विदेशी लोको फोटोग्राफ पण पडावे छे. गृहस्थो, ते गोमट्टेश्वरना पगनो अंगुठो नाळीयेर जेवडो छे ए उपरथी आप ख्याल करशो के, ए
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