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________________ ( १०५) तेओए पोताना गाममा संघनी मोटी सभा बोलावी साधु महाराजो समक्ष कॉन्फें. रन्सना उद्देशथी अने तेमां थयेला कामकाजथी बधाने वाकेफ करवा अने तेओने समजावी तेमां थयेला ठरावो पैकी कया कया ठरावो कइ रीते तेओ अमलमां लावा शके, तेनो रस्तो बताववो. ए उपरांत आपणामांथी मि. लालन अने प्रोफेसर नथु मंछाचंद नेवा उत्साही नरोने चूंटी तेमने जूदे जूदे ठेकाणे कॉन्फरन्सना उद्देश अने ठरावो जाहेर करवा तथा ते ठरावो अमलमां मूकवा आग्रह करवा तथा ज्यां ठरावो अमलमां मूकामा होय त्यांना दाखला बतावी जाहेर भाषण करवाने मोकलया जोईए. तेममा वास्ते बधी सगवड कॉन्फरन्सना तरफथी थवी जोईए. कॉन्फरन्स तरफथी वक्ताओ बधी जगोए पहोंची शके नहीं, केमके एटला वधा वक्ताओ आपणामां नथी. तेथी कॉन्फरन्सनो उद्देश तथा तेमां थता कामकाज अने ठरावो बधी जगोए जाहेरमां. मेलवाने कॉन्फरन्स तरफथी एक वर्तमानपत्र काढवानी जरूर छे. ए पत्रद्वारा कॉन्फरन्सने लगती खबरो उपरांत जैन धर्मने लगता विषयो उपर लखाणो तथा तेने लगती हकीकतो कटके कटके दर अंके छपाववी जोईए. जूदी जूदी जगोए जैनोनी सभा मंडळो अने संघनी हीलचाल वगेरेनो पण ते पत्रमा समास थवो जोइए. ए पत्र अठवाडिक अथवा विगतनी न्यूनताने लीधे पखवाडिक थर्बु जोइए. कदी पत्रनुं न बनी शके तो छेवट एक मासिक चोपानियु कॉन्फरन्स तरफथी बहार पाडवू जोइए.. __ आपणामांना नवा उगता जुवानोनी लखवानी अने बोलवानी शक्ति खीलववा तथा जेनामां ते खीलली होय तेने उत्तेजन आपवा अर्थे तेओ पासेथी संसारिक व्यवहारिक अने धार्मिक विषयो पर अमुक निबंधो लखाववा जोइए अने ते लखवा वास्ते इनामो आपी हरीफाइ कराववी. आ प्रमाणे कॉन्फरन्सन काम संगीन करवाने मोटुं फंड, सारी व्यवस्था, डेलीगेटोए लेवो जोइतो श्रम, सारा वक्ताओनी देशोदेशनी मुसाफरी अने त्यां तेमणे आपवानां भाषणो, कॉन्फरन्स तरफथी वर्तमानपत्रनी जरूर, हरीफाइना निबंधों विगेरे विषे में इसारो करेल छे, पण आ बधा करतां प्रथम करवानी एक वात रही जाय छे के, जेनी कॉन्फरन्सनी फतेह वास्ते घणी जरूर छे. ते अगत्यनी वात संप Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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