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नसीब उघडी गयुं. तेओ जेवी राजीखुशीथी मोह दूर करी, पोताना सात प्रिय क्षेत्र माटे जे जे रकमो आपे, ते उपकार अने मान साथै तमोए कबुल करवी. पण ते ओए आपणी माफक एमज मानवुं जोइए के, धारेला महत्वना ठरावो माटे टांकाना पाणी रुपी आवी रकमो पुरती नथी. माटे आपणे आपणी यथाशक्तिए खरा तन, मन, अने धनथी मदद करवाना इरादाथी एक सूचनारुसी नहि परन्तु एक ठराव रुपी ठराव तवंगर, मध्यम, तेमज कनिष्ट वर्गमां गणाता सर्व जैन भाइओए पास कवो के, दरेक जैन भाइए पोतपोतानो हिस्सो जरूर कॉन्फरन्सनी हमेशानी फतेह माटे अने खरा पायापर लावी सारा अने भव्य मकानरुपी कॉन्फरन्सना ठरावो अमलमां मूकवा माटे आपको जोइए, जेथी कांकरे कांकरे पाळ बंधाय, अने टीपे टीपे सरोवर भराय ते कहेवाती कहेवत खरी पडे. आ नम्र सूचना आप प्रत्ये कही ब तावी छे ते हवे पछीनी कॉन्फरन्समा ठरावरुपी लाववा चुकशो नहि एकी मारी उमेद छे.
सद्गृहस्थो सने १९०१ नी सरकारी गणतरी प्रमाणे श्वेताम्बर जैनो आशरे आठ लाख छे, ने तेमांथी दरेक चूलादीठ दरेक वर्षे एक रुपीओ आपवाथी ओछामां ओछा त्रण लाख रुपीओ एकठा थशे अने आ रीते हमेशा चालती राखशो तो आशरे ३० वर्षमा तमारा धारेला कार्यो जरुर फतेहमंद थशे, एम हुं मानुं हुं. ने आप पण तेने मळता आवशो जेथी तमारे धनाढ्य गृहस्थांने वारेघडीए तस्दी न आपतां तेमज न शरमावतां तमो तमारी हींमतथीज तमारुं काम पार पा डशो. ते काम जो तो खरा दीलमी उपाडी लेशो, तोज तमारी खरी फतेह थइ समजजो. माटे आ काम फतेहमंद करतुं होय तो कम्मर कसी एके अवाजे एवो ठराव करो के, आपणे दरेक चलादीठ जैनकोममाथी गामोगामना अने नगरोनगरना अने शहरोशहरना नगर शेठ अगर आगेवानोए एक रुपी प्रमाणे उघराणुं करी एक
बैंकोमा कॉन्फरन्सनी फतेहना फंड माटे मोकलवा अने तेनी व्यवस्था माटे तमारे जोइए तो हालनी चाहती कमीटीने सोपो, अगर तो एक नवी कमीटी नीमी तेनी योजना घडी काढवी.
जो तमो एक रुपीओ दरेक वर्षे आपो तो दररोजनी लगभग अरबी पाइ जेटलं पुन्य करी तमारा घणा सीजाता भाइओने तमो मदद करी पुन्य बांधो छो. आ प्रमाणे नहि वर्तो तो हमारे खात्रीथी जाणवु के, पाणीना परपोटानी माफक आ
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