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________________ ( ४३ ) एटलुंज नहि पण जैन बौद्ध बने धर्म हिंदुस्तानमां उत्पन्न थयेला छतां बौद्ध नाबुद थइ गयो अने जैन धर्म केम टकी रह्यो ते विषे पण खुलासा करे छे. परदेशमां जैन धर्मनो प्रसार. जैन धर्मनां आवां उत्तम तत्वानो परदेशमां प्रसार करवाने जैन धर्ममां प्रतिबंध नथी. परदेशमां जइ धर्मनो प्रसार करवो, ए शिक्षण जैन अने बोद्ध धर्मेज आप्यु छे. जैनो हिंदुस्तानना Protestants- धर्म सुधारक छे. ते सुधारो हिंदमांज शामाटे घाली मृकवो जोइए ? हिंदुस्थानमांज हिंसा थती अटकावीने तेमणे शामाटे बेसी रहेवुं जोइए ? युरोपादि देशोमां हिंसा एमनी एम शामाटे थवा देवी जोइए ? आ बाबत केटलाक जैनोए उपाडी लीधी छे, जेमां मरहूम मि. वीरचंद गांधी मुख्य हता, तेमणे अमेरिका जइ जैन मतनो प्रसार कर्यो। छे. श्रीमंत महाराजा साहेबे शरुवातना दिवसे जणाव्या प्रमाणे सर्व देशोमां तमारो मत प्रचलित करवानो प्रयास करवा जोइए. लंडनमां मुसलमानोनी मसीद छे ते प्रमाणे एक जैन मंदिर पण त्यां केम न हो जोइए ? जो जैनो अने ब्राह्मणो बन्ने एक माबापना बे पुत्रोनी पेठे अथवा एकज माणसना डाबा जमणा हाथनी पेठे पोते पसंद करेला अहिंसादि तत्वोनो जगतमां प्रसार करवानुं काम एक विचारथी हाथमां ले तो अहिंसा धर्मनी ध्वजा पृथ्वीपरना सर्व देशोमां फरकाववामां कंइपण हरकत आवे तेम नथी. नामदार अंग्रेज सरकारे आपणा हाथमां हथियार रहेवानी कशी जरुर जोइ नथी. पण आपणने तेनो आ काममां खप नथीं. आपणा धर्मरूपी हथियारोवडे आपणे सर्व देशोमां आपणो विजय करी आपणी उन्नति करी शकीशुं छेवटे, मारी परमकृपाळु परमेश्वर प्रत्ये प्रार्थना छेके जैनोमां अने अन्य हिंदुमां ऐक्य वधे अने तेमना संयुक्त प्रयासथी देशेदेश अने गाभेगाम अहिंसा धर्मनो प्रसार थाय ! ( ताळीओ ). ए रीते अहिंसा तत्वनुं प्रतिपादन करी तेनो प्रसार करवानुं मान जैन धर्म आप्युं ते माटे मि. लाउने भाषणकारनो केटलंक विवेचन करी उपकार मान्यो हतो. ३६ मि. लाभशंकर लक्ष्मीशंकर जुनागढना दया धर्मना प्रसिद्ध उपदेशक, ते पछी ताळीओना अवाजो वच्चे वक्तपीठ उपर मि. लाभशंकरनं भाषण. आवी बोल्या के, Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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