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________________ ( ३८ ) ५ पांच वर्षनी मुदतनी अंदरना ग्रेज्युएटोए वार्षिक लवाजम रु. २१ आपकुं. ६ एसोशिएशनना दरेक सभासदने कॉन्फरन्स तरफनुं मासिक वगर लवाजमे मोकलवा कॉन्फरन्सनाज सेक्रेटरीने विनंती करवी. ७ आ ग्रेज्युएट मंडळमां बारीस्टरो, हाइकोर्ट प्लीडरो अने डीस्ट्रीक्ट लीडरोने पण दाखल करवा. उपर प्रमाणे ठरावो पसार कर्या बाद प्रमुखनो उपकार मानी मिटिंग बर - खास्त थई हती. ३४ परम पूज्य आचार्य श्री १०८ श्री कमल विजय सूरि महाराज ता. ३० -११-०४ नी सवारे कॉन्फरन्सना मंडपमा व्याख्यान वांचवाना छे, एवी आगला दिवसनी कॉन्फरन्सनी बेठकमां जाहेरात आपवामां आवी हती ते उपरथी शहेरनुं अने प्रमुख साहेब विगेरे बहारथी पधारेलुं सर्व जैनमंडल त्यां सवारमां एकत्र थयुं हतुं. आचार्य महाराजे प्रसंगने अनुसरतो उपदेश घणीज असरकारक रीते आपी जीव दयाना विषयने वधारे पुष्टि आपी हती. आचार्य श्रीकमल विजय सूरिनुं व्याख्यान. पछी प्रमुख साहेबे, बीना केटलाक भाईओ साथे, चतुर्थ व्रत - ब्रह्मचर्य अंगीकार कर्यु हतुं; अने कॉन्फरन्स हस्तकना फंडमां केटलाक भाईओ तरफथी सारी रकम भरवामां आवी हती. सुनि श्री विनय विजयजीए पछी संसारनी मोहमाया उपर भाषण कर्यु हतुं, जे सांभळी सभाजनो प्रमुख साहेब तरफनी प्रभावना लेई विद्वाय थया हता. ३५ मि. बाळ गंगाधर टिळक पुनाना जाणीता हिंदु विद्वान्, एमनुं ते रात्रे कॉन्फरन्स मंडपमां भाषण अपाववानी योजना करी हती, ने लोकोने ते विषे अगाउथी खबर आपी हती तेथी मि. टिळकनुं भाषण. जैन भाई ओनी साथै अन्य दर्शनी गूजराती दक्षिणी लोको पण मोटी संख्यामां एकत्र थया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005585
Book TitleTriji Jain Shwetambar Conferenceno Report
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Chunilal Vaidya
PublisherReception Committee
Publication Year1906
Total Pages266
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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