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________________ राखवा- ठरावी तेने पहोंची वळवा फंड अने श्रावकश्राविकाक्षेत्रना उत्कर्ष माटे संपूर्ण योजना तैयार करवा स्थायी समितिने भलामण करी, जेसलमेर ज्ञानभंडारना उध्धारार्थ पूज्य मुनिश्री पुण्यविजयजीमहाराजसाहेबे अथाग परिश्रम सेवी ते भंडारने सुव्यवस्थित करवा बदल तेओश्रीने अभिनंदन आपी कॉन्फरन्से आ प्रवृत्ति हाथ धरी तेमां जुदा जुदा ज्ञानभंडाराने सहायता आपवा विनंति करी, जैन धर्म अने सिद्धांतो उपर अवारनवार थता आक्षेपोना प्रतिकारार्थे समुचित फंड आदिनी व्यवस्था करी एक समिति नीमवा स्थायी समितिने भलामण करी. कॉन्फरन्सनी स्थापनाने ते वर्षे पचास वर्ष पूर्ण थतां होई योग्य रीते खास आधिवेशन द्वारा सुवर्ण महोत्सव ऊजववा नक्की कर्यु. कॉन्फरन्सना बंधारणमा सुधारा कर्या. बावीसमा तीर्थकर श्री नेमनाथ अने सती राजुलनां पगलांथी पुनीत बनेला गरवा गढ गिरनारनी तळेटीमां वसेला आ जूनागढनुं अधिवेशन संख्यामां थोडा छतां महत्त्वमां जरा पण ओछा नहि एवा ठरावो करवा माटे यादगार वनी गयु. केळवणीप्रचार अने मध्यम वर्गना उत्कर्ष माटे संगीन योजना घडी तेना अमलनो मक्कम निर्धार करवा बदल आ अधिवेशने कॉन्फरन्सनी तवारीखमां आगळ पडतुं स्थान मेळव्युं छे. आ अधिवेशननी साथे साथे जैन महिला परिषदनुं अने जैन स्वयंसेवक परिषदर्नु छर्छ आधिवेशन पण मळ्युं हतुं. स्वयंसेवक परिषद तरफथी एक सुंदर चित्रप्रदर्शन तथा प्रचार साहित्यनी गेलेरी उभी करवामां आवी हती. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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