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________________ वि. सं. १९६३ना फागण सुदी ४-५-६, सने १९०७ना फेब्रुआरी मासनी ता. १६-१७-१८ना दिवसोमां मळ्यु. आ अधिवेशनना स्वागतप्रमुख तरकेि नगरशेठ चीमनभाई लालभाईनी अने प्रमुख तरीके अजिमगंजनीवासी राय सीताबचंदजी नाहार बहादूरनी वरणी थई हती. स्वागत समितिना चीफ सेक्रेटरी तरीके शेठ जेसंगभाई हठीसींग अने अंडर-सेक्रेटरी तरकि शेठ मणीभाई जेसंगभाई तथा झवेरी भोगीलाल ताराचंदनी पसंदगी करवामां आवी हती. शेठ मनसुखभाई भगुभाई, शेठ लालभाई दलपतभाई, शेठ चीमनभाई नगीनदास, शेठ सांकळचंद मोहोलालभाई, शेठ अमरतलाल वाडीलाल, शेठ मयाभाई नथुभाई अने शेठ मोहनलाल लल्लुभाई स्वागत समितिना उपप्रमुखो तरीके चुंटाया हता. प्रमुख श्रीनुं भव्य स्वागत करवामां आव्युं हतुं. घोडेस्वार, सायक्लिस्ट अने पायदळ स्वयंसेवकोनी टुकडीओना सरघसमां प्रमुख चार घोडानी बगीमां विराज्या हता. राजनगरना धोरी मार्गो खूब सरसरीते शणगारवामां आव्या हता. आ जैनपुरीना शेठियाओए प्रणालिकागत रीते सौ महेमानोनुं बादशाही रीते स्वागत कर्यु हतुं. आ अधिवेशने जे महत्त्वना ठरावो कर्या तेमां जैनकोममां व्यावहारिक केळवणीनी साथे नैतिक, धार्मिक अने शारीरिक केळवणांनी वृद्धि माटेना, जैन, संस्कृत अने प्राकृत साहित्यना अने दर्शनना ग्रंथो युनिवर्सिटीओमां दाखल करवा प्रयत्न करवानी आवश्यकता माटेना अने प्राचीन शीलालेखोनी शोध, संग्रह अने रक्षण करवानी आवश्यकताना ठरावो खास ध्यान खेंचे छे. जे जे Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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