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आ बंधारणे होद्देदारो तथा समितिओ माटेना अंग्रेजी शब्दो बदली देशी शब्दपर्यायो अपनाव्या.
कॉन्फरन्सनुं बंधारण जोतां एक बात आगळ पडती तरी आवे छे के कार्यवाही समितिमां मुंबईमांथी चुंटायेला अने बीजा विभागोमांथी चुंटायेला जे सभ्यो मुंबइमां रहता हशे तेमनी ज कार्यवाही समिति रचवानुं ठराववामां आव्युं. भूतकाळना अनुभव उपरथी ए स्पष्ट जणातुं हतुं के मुंबई बहारना सभ्यो स्टेन्डिंग कमिटीनी बेठकोमा खास हाजरी आपता नहोता के जोइए तेवो रस लेता नहोता. जो कार्यवाही समितिमां बहारना सभ्यो लेवामां आवे तो तेओ मीटिंगोमा हाजर रहेशे नहिं अने पूरतो रस लेशे नहिं एवी बीकथी ज कार्यवाही समिति मुंबईवासीओनी ज रचवा बंधारणमां जोगवाइ करवामां आवी हती. मुंबई सिवायना विभागोमां कार्यकरो सामे आ एक जातनुं आडकतरुं तहोमतनामुं ज गणी शकाय. महाराष्ट्र प्रान्तिक समिति सिवाय बीजी प्रान्तिक समितिओए छेल्लां वर्षोमां पूरती जागृति बतावी नहोती ए हकीकत प्रत्ये आंखमींचामणां थई शके तेम नथी. महाराष्ट्रना स्थायी समितिना सभ्योए कॉन्फरन्सने चेतनवंती राखवा अने तेने प्राणवान बनाववामां अमूल्य फाळो आपेलो छे.
सं. १९९०मां मुंबईमां मळेला चौदमा अधिवेशने बंधारणमां जूज फेरफार कर्या हता. खास करीने प्रान्तिक तथा स्थानिक समितिओ पोताना प्रांत या शहेर या गाममांथी सुकृत भंडार फंड उघरावे तेमांथी अडधी रकम पोताना खर्च माटे राखी अडधी रकम मुख्य ऑफिसे मोकलवानुं तेम ज प्रतिनिधिओनी फीमांथी पण एक
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