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________________ १५३ केटलाकने लागतुं हतुं. सं. १९८६मा जुन्नेर खाते मळेला तेरमा अधिवेशनना स्वागताध्यक्ष श्री राजुरीकरना शब्दोमां जोईए. तो-'' "आपणे बंधारणनो फरी विचार करी पाकुं अने प्रत्यक्ष कार्यकारी बनाव जोईए. मुख्य यंत्रागारमा चावी फेरववाथी जेम अनेक नानांमोटा यंत्रो एकीसाथे चालवा मांडे छे तेम आपणे आखा हिंदमां एवी योजना प्रेरवी जोईए के मुख्य हेड ऑफिसमां कोई ठराव थाय के तरत ज ते नो अमल आखा हिंदमां एकीसाथे थवो जोईए.". आ भावना प्रमाणे प्रतिनिधिनी लायकात माटे विशेषमा एकुं ठराववामां आव्युं के जेओए सुकृत भंडार फंडमां पोतानो फाळो दर वर्षे आप्यो हशे ते ज प्रतिनिधि थई शकशे. स्वागतसमितिना सभ्योने आपोआप प्रतिनिधि गणवान ठराववामां आव्यु. प्रतिनिधिना प्रमाणमां पण थोडो फेरफार करवामां आव्यो. सौथी महत्त्वनो सुधारो ए थयो के कार्यवाही समिति जेवू अत्यार सुधी कई हतुं नहि. फक्त जनरल सेक्रेटरीओ ज कामकाज चलावता हता. पूना अधिवेशने बंधारणमां ऑल ईन्डिया स्टेन्डिंग कमिटीअखिल हिंद समितिमां मुंबईमांथी चुंटायेला सभ्यो तथा सदर कमिटीना बीजा विभागोमाथी चुंटायेला सभ्यो जे मुंबईमा रहेता हशे अथवा हाजर हशे तओनी कार्यवाही समिति नीमवानुं ठराव्यु. कॉन्फरन्सन तेम ज स्थायी समितिने सोंपायेल दरेक कार्य कार्यवाही समितिए करवान अने स्थानिक मंत्रीओ (रेसिडेन्ट जनरल सेक्रेटरीओ) सदरहु समितिना मंत्रीओ गणाशे एम ठराव्यु. कार्यवाहक समितिने पोतानां कामकाज करवाना नियमो घडी काढवानो अधिकार आपवामां आव्यो. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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