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ऋणे फिरकाना संयुक्त आश्रय हेठळ उजवाती थई छे अने बीजां घणां शुभ कार्यों संगठनपूर्वक थाय छे. नवयुगनी प्रजा त्रणे फिरकाओ वच्चे संप अने भाईचारो झंखे छे. कॉन्फरन्से वीसमा अधिवेशनमा एक ठरावद्वारा आ झंखनाने ज वाचा आपी छे.
“जैनसमाजना बधा फिरकाओ वच्चे भ्रातृभाव अने निकटता :. केळववा तेम ज सर्वसामान्य प्रश्नो विषे सहकारथी कार्य करवा आ . अधिवेशन जैनसमाजने अनुरोध करे छ; अने आ अंगे योग्य कार्यवाही .. करवा कार्यवाही समितिने भलामण करे छे." .: कॉन्फरन्सनु आ वलण विचारपरिवर्तननी दिशामा घणु ज उपकारक नीवड्युं छे अने त्रणे फिरकाना जैनो एक ज पिताना पुत्रो छ ए भावना दिवसे दिवसे प्रबळ बनती जाय छे. १९. सर्वदेशीय साहित्यप्रचार
युनिवर्सिटीओमां उच्च जैन शिक्षणना प्रचार माटे जैन साहित्यनां पाठ्यपुस्तको तैयार करवा उपर तेम ज अर्धमागधी अने प्राकृत भाषाना पुनरुद्धार उपर तेम ज जैन साहित्यनो इतिहास तथा जैन गुर्जर कविओ जेवा विद्वद्भोग्य ग्रंथोना प्रकाशन उपर कॉन्फरन्से ध्यान आप्युं छे तेवी ज रीते सामान्य माणस सरळताथी समजी शके तेवा साहित्यनी जरुरियात तरफ पण कॉन्फरन्सन ध्यान गयुं छे. तेथी ज वीसमा आधिवेशने श्री धीरजलाल टोकरशी शाहे रजू करेलो नीचेनो ठराव सर्वानुमते पास कर्यो हतो.
“वीतराग देवथी प्रवर्तेला अने सद्गुरुथी प्रचार पामेला जैन धर्मना सिद्धांतो समस्त विश्वने हितकारी छे एवो आ अधिवेशन दृढ अभिप्राय धरावे छे. तेथी जाहेर जनता सरळताथी समजी शके तेवी
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