SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२) तीर्थोनो वहीवट सारी रीते चलाववा प्रबंध करवो. (६) पालीताणाना बारोट लोकोए जे आशातना अने अडचण प्रचलित करी छे तेनो प्रबंध करवो. (७) ज्ञानमंडार कराववा अने पुस्तकोद्धार कराववो. (८) बीजी जैन काँग्रेस मुंबईमां भरवी... आ सभानी कार्यवाहीथी बधाने घणोज संतोष थयो अने सौने लाग्यु के जैन समाजनुं उत्थान हवे हाथवेतमां छे. घणा लोको “ जैन काँग्रेस "नी बीजी बेठक मुंबईमां भराय तेनी राह जोई बेठा हता. परंतु थोडा दिवस पछी अमदावादना वीशा श्रीमालीओए एवो ठराव कर्यो के मुंबईनी काँग्रेसमां भाग लेवो नहि. मुंबईमा स्वागत समिति, विषयविचारिणी समिति वगेरेनी रचना थई पण बधुं त्यांथीज अटकी गयुं अने बीजी बैठक न मळी ते न ज मळी. श्री ढाजीना दिलने आथी घणो आघात लाग्यो. घडीभर हतोत्साह थया, छतां मनने मजबूत करी आशा अमर छे एम गणी प्रयत्न चालु राखवो एवो निश्चय कर्यो. खरु ज कहुं छे के “ प्रारब्धमुत्तमजना न परित्यजन्ति" ॥ तेमणे पोताना हेतुनी सिद्धि अर्थे गुजरात-काठियावाडनो प्रवास खेडवानुं नक्की कर्यु. वडनगर-पाटण-भावनगर वगेरे स्थळोए तेमणे सभाओमां कॉन्फरन्सना फायदा, कॉन्फरन्स भरवाथी परस्पर हित, प्रीति, एकता अन संप वधे छे वगेरे बावतो पर जोरदार भाषणो कर्या. दरेक स्थळे तेमने सहकारनां वचनो मळ्यां. वडनगरमां मुनिश्री Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005582
Book TitleJain Shwetambar Conferenceno Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagkumar Makatai
PublisherSohanlal Madansinh Kothari
Publication Year1960
Total Pages216
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy