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(३०) गई छे. तेवा अनाचारिओ थी हजार हाथ दूरज रहे, कल्याणकारी माने छे, तेमज जे महान पुरुषों पोतानुं जीवन समाज हितार्थ अर्पण करेछे ते सदाचारीओने माटे विद्वानोनी श्रद्धा मजबूत थती जाय छे... . ___ आ वात स्वभाविक छे के चोरोने चांदणुं गमतुं नथी, तेमन दुराचारिओने सदाचारनुं व्याख्यान केवी रीते गमे ? ज्यारे एमज छ त्यारे मेजरनामुं तो दुराचारीओने माटे एक मोटो कुहाडोज छे, तो पछी बिचारा पासत्थाओ कलकलता कालजाथी पोक पाडे तेमां नवाई शी अने पासत्थाओना पक्षकार खोटा २ लेख लखी कोलाहल मचावीने पासत्था
ओना उतरता आंसुने लुछे अथवा दाजता हृदयने शान्त पाडे तो भले. ___ हुं छाती ठोकीने कहीश के ज्यांसुधी अमारा मेजरनामामां आवेला ( २०३ ) आगमोना प्रमाण ते असत्य करी न बतावे त्यां सुधी कोईपण विद्वान् मेझरनामाने असत्य न मानी शके ! ___पाठको ! जरा ध्यान राखशो के वस्तु गमे तेवी होय पण पोतानी मर्यादामां होय त्यांसुधीज सारी कहेवाय छे, तेमन लेखक पण गमे तेवा होय तो पण पोतानी मर्यादामां रहीनेज लेख लखे त्यारेज दुनिया तेनी कीमत आंकी शके छे, अत्रे अमे एटलुज कहीशु के. मेजरनामुं अने तेनां प्रतिपक्षाओना लेखोने वांचवाथी आपने खरे खरु लखाण जणाई आवशे के कयुं लखाण मयार्दावाळु छे.
मेजरनामामां मुख्य ३१ विषय चर्चवामां आव्याछे, तेमां प्रथम आगमोना प्रमाणथी वस्तुओर्नु अस्तित्व पणुं बताव्युं छे, त्यार बाद,
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