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बहुत सी बाते लुप्त हो चुकी थी । और दिगम्बर ग्रन्थ जैसेयही कारण है जो आज इन उपलब्ध ग्रन्थों त्रिलोकसार, त्रिलोकप्रज्ञप्ति, सिद्धान्तसार में यह बहुत कुछ मतभेद के साथ पाया दीपक, सर्वार्थ सिद्धि, राजवातिक, श्लोकवाजाता है, जिसका कुछ दिग्दर्शन नीचे करा त्तिक और हरिवंशपुराण । देना उचित होगा ।
इबेताम्बर प्रन्थ जैसे___इस विषय के दिगम्बर, श्वेताम्बर ग्रन्थ सूर्यप्रज्ञप्ति, लोकप्रकाश, जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति, जो हमारे देखने में आये उनके नाम है- वृहक्षेत्रसमास टीका, और संग्रहणीसूत्र ।
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सदा याद रक्खो ० · संसार याने-उन्माद वासनाओं का राजमार्ग ० मन-बुद्धि के चहकावे में कभी शांति प्राप्त नही होती है । • सत्य कभी तक बाद दा विवाद का जंगल में नही रहता है.
दष्टि को स्वच्छ-निर्विकारी बनाइए फिर हर चीज अच्छी प्रतीत होगी. PESARSES2S2S2SSISTSC22SSeSS
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