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कोलम्बस के पहिले पृथ्वी को चपटी ही माना जाता था । मसीही धर्म में पृथ्वी के गोल होने के सम्बन्ध में कोलम्बस से सदियों वर्ष पूर्व यह सिद्धांत प्रभावित हो गया था कि 'पृथ्वी गोल है ।
यद्यपि एक ही स्थान पर पृथ्वी के गोल होने के विषय में लिखा गया है और वह स्वयं में इतना स्पष्ट और प्रामाणिक दिखता हैं कि सन्देह का कोइ आधार शेष नहीं
बचता
यशय्याह नामक पुस्तक में कहा गया है कि
"यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाश - मण्डल पर बिराजमान है ।१७
पृथ्वी घूमती है
यद्यपि बाइबल का उद्देश्य यह नहीं है। कि वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी दे । क्योंकि arree नैतिकता और इसु - मसीह जीवन का ज्ञान कराती है । फिर भी वैज्ञानिक तथ्यों की ओर इसमें संकेत पाये जाते हैं । 1. इस पुस्तक में पृथ्वी के घूमने का वर्णन बहुत ही सुन्दर ढंग से किया गया है । भले ही हम इसे कविता की भाषा कहें या वैज्ञानिक भाषा |
'अय्यूब' नामक पुस्तके में लिखा है"क्या सूने जीवन भर में कभी मोर को आज्ञा ही और पौ को उसका स्थान जलाया हैं, ताकि वह पृथ्वी की छोरों को वश में करें और दुष्ट लोग उसमें से झाड़ दिये जायं ?
१७. यशय्वाह ४० : २२
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वह ऐसा बदलता है जैसे मोहर के नीचे चिकनी मिट्टी बदलती है और सब वस्तुए मानो वस्त्र पहिने हुई दिखाई देती है । १८
ऐसा भास होता है कि पृथ्वी के घूमने का यह तथ्य कुम्हार के चाक के द्वारा समझाइ गइ है ।
यद्यपि पृथ्वी के घूमने का विस्तृत वर्णन नही दीया गया है, फिरभी यह स्पष्ट है कि पृथ्वी घूमती है और समझदार के लिये संकेत बहुत अधिक है ।
पृथ्वी देश (space) में स्थित है
पृथ्वी के स्थित होने की चर्चा कई रुप से धार्मिक ग्रंथो में वर्णित है ।
लेकिन धर्म की मान्यता के अनुसार पृथ्वी सर्प के फन पर, हाथी पर स्थित हैं । किन्तु मसीही धर्म में ऐसी मान्यता नहीं है ।
घर्म की मान्यता है कि पृथ्वी for co स्थिर है ।
इस संदर्भ में पुराने नियम में 'अय्यूब' उल्लेखनीय है ।
शब्द
वह पृथ्वी के संबंध में लिखता है कि“परमेश्वर” बिना टेक पृथ्वी को लटकाए रखता है । १९
इस स्थिति से यह तथ्य और स्पष्ट हो जाता है कि मसीही धर्म
के सिद्धांत को मान्यता प्राप्त है जिसको इजहाक न्यूटन (१६४२-१७२४) ने बताया था ।
१८ अय्यूब ३८:१२-१४ १९ अय्यूब २६:७
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