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ऊचे, तीन पल्य की आयु वाले मनुष्य इन वेदियों की ऊंचाई आधा योजन होते हैं । ये छहों भोग-भूमियां शाश्वत हैं और विस्तार पांच सौ धनुष प्रमाण है । यहां परिवर्तन कभी नहीं होता है। सर्वत्र वनखंड आधा योजन चौडे है । जबूवृक्ष-शाल्मली वृक्ष
जबूद्वीप के अठत्तर जिन चैत्यालय ___ उत्तरकुरु में ईशान-दिशा में जंबू वृक्ष सुमेरु के चार वन सम्बन्धी १६+ छह एव देवकुरु में नैऋत्य दिशा में शाल्मलि कुळाचळ के ६+ चार गजदंत के ४+ सोलह वृक्ष है।
वक्षार के १६. चौतीस विजया के ३४+ . चौतीस आर्य खंड
जबू शाल्मलि वृक्ष के २-७८ । ये जबद्वीप एक भरत में, एक ऐरावत में और बत्तीस के अठत्तर चैत्यालय हैं । इनमें प्रत्येक में विदेह देशों मे बत्तीस ऐसे आर्य खण्ड
१०८-१०८ जिन प्रतिमायें विराजमान है. चौतीस है।
उनको मेरा मन वचन काय से नमस्कार होवें । एक सौ सित्तर म्लेच्छ खड इस ज बूद्वीप में हम कहां हैं ? भरत क्षेत्र के पांच, एरावत के पांच और यह भरत क्षेत्र, जंबूद्वीप के १९० वें बत्तीस विदेह के प्रत्येक के पांच-पांच ५+५+ भाग योजन प्रमाण है । इसके छह खण्ड में (३२४५) = १७० म्लेच्छ खंड है। जो आर्य खंड है, उसका प्रमाण लगभग निम्न वेदी और वन खण्ड
प्रकार है। जबूद्वीप में ३११ पर्वत है, उन में दक्षिण का भरत क्षेत्र २३८ ३/१९ योजआजु बाजु या चारों तरफ मणिमयी वेदियां नका है । पद्म सरोवर की लम्बाई १००० और वनखड हैं। .
योजन हैं तथा गंगा सिंधु नदियां ५-५ सों . नब्बेकंड प्रमख है. गावित १४ योजन पर्वत पर पूर्व-पश्चिम बहकर दक्षिण नदियां जहां गिरती हैं वहां के १४ विभंगा में मुढ़ती है । यह आर्य खंड उत्तर-दक्षिण नदियों की उत्पत्ति के १२, विदेहकी गंगादि २३० योजन चौडा हैं। पूर्व पश्चिम में १००० -रक्तादि-६४ नदियों की उत्पति के ६४ -५००+५००=२००० योजन लम्बा है । एसे १४+१२+६४=९० कुंड हैं । इन के इनको आपस में गुणा करने से २३८४२००० चारों तरफ उतनी ही वेदी और वनखण्ड हैं। =४७६००० योजन प्रमाण आर्य खण्ड का
२६ सरोवर हैं—कुलाचळ के ६+ सीता क्षेत्र फल हो जाता है । इसके मील बनाने सीतोदा के २०=२६ । इनके चारों तरफ वेदी से ४७६०००-४०००=१९०४०००००० (एक हैं और चारों तरफ ही वनखड है । जितनी सौ नब्बे करोड़ चालीस लाख) मील प्रमाण नदियां हैं, उनके दोनों पाश्र्व भागों में अर्थात् क्षेत्र फल हो जाता है । . १७९२०९०४२=३५८४१८० मणिमयी वेदिका इस आर्य खण्ड के मध्य में अयोध्या हैं और उतने ही वनखड हैं।
नगरी है । इस अयोध्या के दक्षिण में ११९
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