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________________ आत्मा जन्तु है-बार-बार जन्मों के धारण आत्मा अनादि अनंत है । सब जीवों करने के कारण जन्तु है । से सब प्रकार से संबंध रखनेवाला है ।। आत्मा संसारी है, क्रोधादि भावों से आत्मा क्षेत्रज्ञ है-याने स्वरुप-क्षेत्र को जानता है, इसलिए क्षेत्रज्ञ है। युक्त है, हास्य, राति, अरति, शोक भय आदि भाववाला है। आत्मा पुरुष है-पुरू अर्थात् शरीर-इन्द्रियें स्त्री-पुरुष नपुंसक आदि पर्यायोंवाला है । के विषयोंमें शमन अर्थात् प्रवृत्ति करने के कारण पुरूष है। इन्ही से अन्धा, लूला, लगडा आदि भी है । (६) आत्मा-पुमान् है-अपने आपको पवित्र आत्मा ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप, सामर्थ्य और उपयोग, वाला है। आत्मा का करने के कारण पुमान् है । कार्य ज्ञान है, ज्ञान का कार्य-जो पदार्थ जहाँ आत्मा आत्मा है-नर-नरकादि पर्यायों में है, उन पदार्थों को उसी रूप में जानना और निरन्तर गमन करते रहने के कारण आत्मा है। दीपक की तरह स्वयं प्रकाशित होकर दूसरों को प्रकाशित आत्मा अन्तरात्मा है-ज्ञानावरणादि कर्मों का प्रकाशित करना है । के अन्तर्वर्ती मूलभूत ज्ञानादिगुणपिंडरूप होने आत्म चेतनामय अमूर्त सत्ता है 9 और के कारण अन्तरात्मा है । उपयोग जिसका लक्षण है10 । ज्ञान, दर्शन, सुख, दुःख आदि के द्वारा उपयोग (चेतना आत्मा ज्ञ है-ज्ञानगुण इसका स्वभाव है। की क्रिया ) व्यक्त होता है11 । जिसके कारण आत्मा विज्ञाता है । विज्ञाता आत्मा में शब्द, आत्मा ज्ञानी है-ज्ञानगुण की विशेषता रूप, रस, गंध और स्पर्श नहीं होती है । के कारण ज्ञानी है । (४) . . विज्ञात-आत्मा न दीर्घ है, न सख्त है, न आत्मा भव्य है, अभव्य है, परिणामी वृत्त है, न त्रिकोण है, न चतुष्कोण है, न है और अपने शरीर-प्रमाण है । (५) परिमण्डल रूप है । न काला, न पीला न नीला और न सफेद है, न सुगन्धित है, न आत्मा में हर्ष-विणाद, सुख-दुःख, मति आदि दुर्गन्धित आदि है । अपितु यह आत्मा ज्ञान, ज्ञान, चक्षु-आदिदर्शन, गति-रूप अवस्थाएं दर्शन, सुख-आदि रूप है । आत्मा एवं शरीर के कारण पुद्गल-परमाणुओं से ही ज्ञान में है, आत्मा ही दर्शन और संबंध है । चारित्र रुप में है ।" Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005568
Book TitleJambudwip Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Pedhi
PublisherVardhaman Jain Pedhi
Publication Year
Total Pages190
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size23 MB
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