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सिरिसोमप्पहायरियविरहा
अत्थि गयणग्ग-लग्ग-सिंग-सिंगार-गारविओ निरंतर-झरंत-निज्झरणपसरंत-सीयरासार-सीय-सुरहि-पवण-पीणिज्जमाण-सुरयक्खिन्न-किन्नरमिहुणसणाह-काणणोवेओ वेयड्डो नाम पव्वओ।
दिवसम्मि पज्जलंतीहिं सूरिओवलसिलाहिं किर जत्थ। रत्तिं महोसहीहिं दीसइ दीवूसवो निचं
॥१॥ तम्मिपइ-भवण-मज्झ-डज्झन्त-कालागरु-धूव-धूमधयारेणाकाले वि कालब्भविन्भममुब्भावयंतं, नाणा-रयण-विणिम्मिय-पासाय-पंतिप्पहा-पूरेण सक्कचावचक्कवाल-संकुलं नहयलमुवदंसयंतं, गयण-मग्ग-वग्गंत-विज्ञाहर-रमणिमाणिक्काभरण-संभारेण विजु-पुंज-संभवं संभारयंतं रहनेउरचक्कवालं नाम नयरं । तत्थ पणमंत-विजाहर-नरिंद-मउलिमालोवलीढ-पायवीढो, दस दिसावहू-विहूसणसमुज्जल-जसकुसुम-समूह-महारामो, पररामा-रमण-परम्मुहो महासत्त पत्तलीहो महिंदसीहो नाम विजाहर-चक्कवट्टी।
बंधुं पि बंधणं पिव जो नाय- परम्मुहं परिचयइ। नय-तप्परं परं वि हु बहुमन्नइ निद्ध-बंधुं व
तस्स मयरद्धय-महाराय-रायहाणी, अहरिय-रइ-रूव-सोह-सोहग्ग-गुणरयण-खाणी, कमल-कोमलारत्त-पाणी, महुमास-मत्त-कोइलाराव-रमणिज्जवाणी, विणियप्पवित्ति-पणरमणि-रंगसाला रयणमाला नाम देवी। तीए य राइणा सह विसयसुहमणुहवंतीए रयणचूड-मणिचूडाभिहाणा समुप्पन्ना दुवे पुत्ता। समए य कयकलागहणा साहिय-बहु-विजा, पत्ता कुसुमसर-पसर-लीलावणं जोव्वणं, काराविया विसुद्ध-वंस-समुप्पन्नाणं निरुवम-रूव-लावन्नाणं खयरराय-कन्नाणं करग्गहणं। तत्थ कुलहरं कलाकलावस्स, संकेयट्ठाणं विसिट्ठ-चिट्ठाणं ति मुणिऊण निवेसिओ विजाहरिंदेण जुवराय-पए रयणचूडो। मणिचूडो वि कुमारभावम्मि वट्टमाणो अविवेय वसविसप्पमाण-जोव्वण-वियारो नाणा-कीलाहिं कीलंतो कालं गमेइ।
॥२॥
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