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महाशुक्र आदि देवलोकमां जघन्योत्कृष्ट आयुष्यनु यन्त्र ॥ महाशुक्र देवलोकमां॥
॥ सहस्रार देवलोकमां ॥ प्र० उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति प्र० उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति सागरो० चारीया भाग
सागरो० चतुर्थांश
भाग
| १४
૧૭ સાગરો,
- १५ -
3 २
र
॥आनत देवलोकमां ॥
॥प्राणत देवलोकमां ॥ उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति प्र० उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति सागरो० चतुर्थांश
सागरो० चतुर्थांश भाग
भाग ૧૮ સાગરો] १८ - १ | ૧૯ સાગરોળ
०
र
१८ -
०
| ०
| प्र०
॥आरण देवलोकमां।।
॥अच्युत देवलोकमां ॥ उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति प्र० उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति सागरो० चतुर्थांश
सागरो० चतुर्थांश
भाग ૨૦ સાગરો, २१ - १ ૨૧ સાગરો૦
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