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प्रतर
संग्रहणीरल (बृहत्संग्रहणी) गुजराती अनुवादसह ॥ सनत्कुमार तथा माहेन्द्र कल्पना प्रत्येक प्रतरमा ।। उत्कृष्ट स्थिति
जघन्य स्थिति सनत्कुमारमां-माहेन्द्रमां
सनत्कुमारमां-माहेन्द्रमां सागरो० बारीया भाग
- ૫ તે જ સાધિક ૨ સાગરો. તે જ સાધિક २ - १०
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॥ लांतक देवलोकमां ॥
प्र०
॥ब्रह्म देवलोकमां॥ ___ उत्कृष्ट स्थिति जघन्य स्थिति सा० छट्ठीया भाग
૭ સાગરોળ
| प्र०
उत्कृष्ट स्थिति
जघन्य स्थिति
सागरो० पांचीया
भाग
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૧૦ સાગરો,
०
८ -
०
०
१० -
०
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