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(२) ७ सातमे बोले औदारिकशरीर, वैक्रियशरीर, आहारकशरीर, तैजसशरीर अने कार्मणशरीर, ए पांच शरीर जाणवां ॥
बाग्मे बोले सत्यमनोयोग, असत्यमनोयोग, मिश्रमनोयोग अने व्यवहारमनोयोग, ए मनना चार योग, तथा सत्यवचनयोग, असत्यवचनयोग, मिश्रवचनयोग अने व्यवहारवचनयोग, ए चार वचनना योग तथा औदारिक काययोग, औदारिक मिश्रकाययोग, वैक्रिय काययोग, वैक्रिय मिश्रकाययोग, थाहारक काययोग, थाहारक मिश्रकाययोग अने कार्मण काययोग, ए सात कायना योग, एवं सर्व मली पन्नर योग जाणवा ॥ _ए नवमे बोले मतिज्ञान, श्रुतझान, अवधिज्ञान, मनःपर्यवज्ञान अने केवलज्ञान, एवं पांच ज्ञान, तथा मतिअज्ञान, श्रुतअज्ञान अने विनंगझान, एवं त्रण अज्ञान, तथा चक्षुर्दर्शन, अचकुर्दर्शन, अवधिदर्शन भने केवलदर्शन, एवं चार दर्शन मली बार उपयोग॥
१० दशमेबोले ज्ञानावरणीय कर्म, दर्शनावरणीय कर्म, वेदनीय कर्म, मोहनीय कर्म, आयुः कर्म, नाम कर्म,गोत्र कर्म अने अंतराय कर्म, ए श्राप कर्म।
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