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झान विलास
॥ पद सुडतालीशमुं॥ ॥ रोग कहेरबा ॥ किस मिस जाउं पणिहार कूवे, पर श्रासन योगीका ॥ ए चाल ॥ कुण मिस पियाकुं मनाय, मिलियो पिउ परदेशीका ॥ कु० ॥ टेक ॥ देश नगर नहिं जानुं जाको, जात पात न जनाय ॥ मि॥१॥ नाम गोत जाको कबु नाहिं, कैसें निरखं जाय ॥ मि॥ निर्मोही निःसनेही पिया मुज, कुण रीते समजाय ॥ मि० ॥२॥ मोसें पहेबें लाड करेथो, मुज बिन खिन न रहाय ॥ मि॥अबतो मोसें रूसक चाख्यो, वात न पूछे जा. य ॥ मि ॥३॥ विरहव्यथायें तन मुज जूरे, किणसुं कहियें धाय ॥ मि ॥ पिन संयम सुन समता साथे, ज्ञानानंद रमाय ॥ मि ॥४॥इति ॥
॥ पद अडतालीशमुं॥ ॥राग कहेरबा ॥ मेरे जोले नवाब, कलकत्ते. की सयरकुं ले चलोजी ॥ ए चाल ॥ मेरी प्यारी सुनाहे, श्रवतो तम श्रम संग चलोजी ॥ मे॥ टेक ॥ दोय घोडेपर श्रम कियो जीन, तम पण चालो प्यारी संग श्रदीन ॥ मे ॥ १॥ जल पण नांहिं
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