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________________ १२३ शत्रुंजय मादात्म्य. रंग ) शत्रु नाश पामवा लाग्या नमता राजार्जुनां मुकुटनां किरणोनां समूहोथी मनोहर थएल बे पादपीठ जेनुं, तथा लोकोनां तापने हरनारा, श्री जरतराजारूपी चंद्र शत्रुनी कीर्तिरूपी तारार्जुने पोतानां गुणरूपी किरणोनां समूहोथी त्रास श्रापवा लाग्या (ए आश्चर्य बे ) एव रीते श्राचार्य महाराज श्री धनेश्वरसूरिए बनावेला श्री शत्रुंजय मदा तीर्थनां माहात्म्यमां श्री कृषनदेव प्रजुनो जन्म, राज्या जिषेक, दीक्षा, केवलोत्पत्ति ने रतनां दिग्जयनां वर्णनरूप त्रीजो सर्ग समाप्त थयो. चतुर्थः सर्गः प्रारम्यते. जे प्रभु रूपी व्यापारीना देव, असुर, भुवनपति ने मनुष्य अनु ग्रहवाला बे, तथा कमल, समुद्र, चंद्र ने विद्याधरो संपदा रूप बे, तथा कामधेनु, कल्पवृक्ष, दक्षिणावर्त शंख छाने रत्नरूपी श्रकरो (खाणो) बे, एवा श्री आदिनाथ प्रभु तमारुं रक्षण करो, १ हवे श्री वीरप्रभु इंडने कड़े बे, हे इंद्र ! वली पण या तीर्थनुं वखाणवा लायक तथा आश्चर्य वालु माहात्म्य तुं सांजल ? एक दहाडो उलसायमान सुवर्ण कुंडलवाला जरत इंड जेम मेरुपर तेम सिंहासनपर बेठा हता. ते वखते त्यां रहेला बत्रीस हजार राजार्जनां मुकुटोना किरणोथी तेनी वरसाद सरखी सजा, विजली सहित देखाती हती. वली ते वखते तुल्य अलंकार तथा वस्त्रोवाला मंडलीक ने सामंतोथी, सामानिक देवताथी जेम इंद्र तेम जरत चक्री शोजता हता. एटलामां सुषेण सेनापति पृथ्वीपर मस्तक राखीने, तथा बन्ने हाथो मस्तकपर जोडीने जरतने विनंति करवा लाग्यो के दे खामी ! सर्व जगोए विस्तार पामती आपनी श्रज्ञाने, जिननी आशिषनी परें राजार्ज मस्तके चडावे बे. वली आपना चक्ररत्ननो उदय थवाथी सघला क्षुद्र उपद्रवो नाश पाम्या बे, केम के, सूर्यनुं बिंब तपते ते शुं तारानो समूह रही शके बे ? वली तमोए दानथी दरिsudai दारिद्रने, तथा तलवारथी शत्रुर्जने नाश कर्या बे. तो पण हे स्वामी ! अजव्यनां मनप्रते जेम जिननो बोध, तेम श्रापएं चक्ररत्न श्र युधशालामा प्रवेश करतुं नथी. ते सांजलीने चक्रीए मंत्रिनां मुखसामुं जोयुं. केम के, राजा प्राएं करीने मंत्रीमुखा होय बे पढी विश्व Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005362
Book TitleShatrunjaya Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1899
Total Pages340
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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