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________________ तृतीयःसर्गः कोपरूपी अग्निनी ज्वालानी श्रेणि सरखी, अने फेर तुल्य वाणी बोलवा लाग्यो के, अनिने हाथथी पकडवाने, दिग्गजोने पकडवाने, तथा शेषनागनां मस्तकपर रहेला मणिने हरवाने कोण उद्यमवंत थयेलो ? तेम अणिदार जालांथी पोतानी शांखमां खरज करवाने कोण श्छे ? तथा सिंहनी केशवालीने लेवाने कोण श्छे ? वली फरती श्ररघटमालामां पोतानो पग नाखवाने कोण उत्सुक थाय ? तेम था मारी सनामां कया कुबुझिये बाण फेंक्यु डे ? एम कहीने क्रोधयाम थयो थको, डाबा हाथथी वैरीनां कपोलने जेम तेम पोतानां सिंहासनने थाप मारीने, सर्पनी पेठे फुफाटा मारतो, तथा पोतानां अंगने मरडतो थको ते एकदम सिंहासनपरथी उठ्यो. ते वखते तेनो परिवार पण तेनी पेठेज कोपथी जाज्वव्यमान थश्ने उठ्यो; केमके किरणोनो समूह सूर्यनुं अनुकरण करेज जे. ते वखते केटलाको तो क्रोधरूपी वृदनां पदव सरखी तलवारो नचाववा लाग्या, अने केटलाको वैरीनी बातीमां शल्य सरखा नालां उबालवा लाग्या. केटलाको श्राकाशने फोडता होय नहीं जेम, तेम मुगरो उबालवा लाग्या, तथा केटलाको यमनी चुकुटी सरखा बाणो चडाववा लाग्या. केटलाको क्रोधनां गुडासरखा वज्रो धारण करवा लाग्या, तथा केटलाको आकाशने दांतावायूँ करता थका त्रिशूलो धारण करवा लाग्या. केटलाको आकाशपातालने फोडता थका जुजास्फोट करवा लाग्या, तथा केटलाको मेघनादनुं अनुकरण करता थका सिंहनाद करवा लाग्या. वली केटलाको कहेवा लाग्या के, घुवड जेम सूर्यप्रते, तेम श्रा को पुर्विनीत माणस श्रापणा स्वामीप्रते करे , माटे तेने पकडो अने मारो ? एवी रीते प्रलयकालमा दोलायमान थयेला समुपना नादनुं अनुकरण करनारो सघला परिवारनो एकी वखते कोलाहल थवा लाग्यो. एटलामां तेना प्रधाने ते बाण लेश्ने, क्रोधरूपी अग्निने शमववाने मंत्रसरखा ते परनां अदरो वांच्या के, “हे देवो ! जो तमारे राज्य अने जीवितनुं प्रयोजन होय, तो श्रमोने तमारूं सर्वख खाधिन करीने तमो अमारी सेवा करो ? एवी रीते तमोने सुर, असुर अने मनुष्यनां स्वामी श्री षनदेव प्रजुनां चक्रवर्ती नरतपुत्र आज्ञा करे .” एवी जीतनां श्रदरोने जोश्ने, तथा अवधिज्ञानश्री ते बाबत जाणीने, ते मंत्री Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005362
Book TitleShatrunjaya Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1899
Total Pages340
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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