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( २५) तेनी पासे अंबापाली- एक अबापालीवन नामनुं स्थान हतुंते बुद्ध अने बुद्धना अनुयायीओने समर्पण कयु. पछी त्यांथी ते विशाली गयो त्यां तेणे 'निग्रंथीओमांनो गृहस्थाश्रमी ने लिखिवी लोकोनो नायक तेने पोतानो अनुयायी बनाव्यो. बौद्धधर्मीओनी कुण्डग्राम एवी कोई जग्या होवीज जोइए एम घणा अंशे मानी शकाय. नामना साम्यनो विचार एक बाजुए मुकीए तो नाटिका नामनो जे उल्लेख बौद्धोए को छे ते उपरथी पण उपरनुज अनुमान दृढतर थाय छे. नाटिका, महावीर जे ज्ञात्रिका क्षत्रियमंडळमांनो हतो ते पैकीन ए होय एमां संशय जणातो नथी. त्यारे एकंदर रीते कुण्डग्राम ए विदेहानी राजधानी ने विशाली नगर तेना नजीकनुंज एक स्थान होवू जोइए ए विशेष संभवनीय लागे छे. सूत्रकृतांग नामना जैनग्रंथमां महावीरने वशालिक एम जे कहेलुं छे ते उपरथी अमारुं मानवु सप्रमाण छे एम सिद्ध थाय छे. ( सत्रकृतांग १, ३ जुवो) टीकाकारोए वैशालिक शब्दनो अर्थ बे रीते करी तेनो त्रिजो पण एक नक्की अर्थ न आपतां ज्यारे जुदो जुदो अर्थ आप्यो छे त्यारे ते वखते पण ते
१ जैनोमांनो.
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