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केटलीक साम्यता, अने बीजी बाजुए जन अने बौद्धोनी जणाती विशिष्टता उपरथी अनुमान करी शकाय छे के-केटलाक विचारो पाखंडिओमाथी लीधा हता, अने केटलाक तेमनी साथेना वादविवादनी असरथी उपजावी काढ्या हता.
पृ. ६२ थी-अज्ञेयवादनी बुद्धना उपर केटली बधी असर थई हती तेनुं सविस्तर वणन कर्यु छे.
पृ. ७२ थी-जैनधर्म ए एक प्राचीनकालथी चालतो आवेलो धर्म होय, महावीर बुद्ध करतां वधारे जूनो छे. केम के-सबली वस्तु चैतन्ययुक्त छे एम बतावतो सचेतनबाद छे. ___पृ. ७३ थी-जनधर्मनी प्राचीनतानुं बीजं चिन्ह वेदांत अने सांख्य जेवां सौथी प्राचीन ब्राह्मदर्शनोनी साथे रहेली सिद्धांतविषयक समानता छे.
वैशेषिक दर्शन साथे जैनोना विचारो, केटलाक मलता अने केटलाक जुदा होवाथी जैनधर्मनी उत्पत्ति तेना पछी थइ, एवो जे मत डॉ० भांडारकरे उपस्थित कर्यो छे, तेनी साथै हुँ मलतो थई शकतो नथी. इत्यादि कही छेवटमां कयूं छे केवैशेषिक पार्थिवादिक चार प्रकारनां शरीरो माने छे, पण जैनो पृथ्वी आदि चार काय, लेना सूक्ष्म विभागो, तेनी साथे एक एक
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