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(५२) जरूर तेणे निम्रन्थोने एक महत्वना अने साथ मारा मानवा प्रमाणे प्राचीन बौद्धो मानता हता तेम एक प्राचीन संप्रदायरूपे लख्या हशे. मारा उपरोक्त छेल्ला मतनी पुष्टिमां नीचे मुजबनी दलील पण छे. मन्झिमनिकाय, ३५ मां बुद्ध अने सन्चक नामना एक निर्ग्रन्यपुत्र वचे थएला वादनुं वर्णन आपेलुं छे. सन्चक वादमा नातपुत्तने हराव्यानी बडाई मारतो होवाथी ते निर्ग्रन्थ होय तेम लागतो नथी. अने बीजें ए के जे सिद्धान्तोनुं ते समर्थन करवा मथे छे ते सिद्धान्तो जैनोना नथी. आ उपरथी ए विचारवा जेवू छे के एक प्रसिद्धवादी के जेनो पिता निर्ग्रन्थ हतो अने जे पोते बुद्धनो समकालीन हतो, तेना पुरावा उपरथी निर्ग्रन्थोनो संप्रदाय बुद्धना समयमा स्थापित थयो हतो तेंम भाग्येज मानी शकाय.
हवे आपणे जे जे जेनेतर पाखंडी मतावलंबिओ सामे जैनोए पोतानो तात्त्विकविरोध बताव्यो छे, अने ते संबंधे जे उल्लेखों तेओए कर्या छे, ते तपासीए, अने तेनी साथे बौद्धोना उल्लेखो सरखावीए. सूत्रकृतांग २,१,५५ (पृ. ३८८ ) अने २१ (पृ. ३४३) मां घणे अंशे परस्पर मळता आवता एवा ने जडवादी सिद्धांतोनो उल्लेख छे. पहेला सूत्रमा जे लोको आत्माने एक अने अभिन्न माने छे तेमना एक अभिप्रायनुं वर्णन छे, अने
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