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डॉ. हर्मनजेकोबीनी जैनसूत्रोनी
प्रस्तावना.
(प्रथम भाग.)
[ अनुवादक-शाह अंबालाल चतुरभाई, बी. ए. ]
'x x x x x अत्यार सुधीनी आपणी सधळी चर्चा जैनोना पवित्रग्रंथोमांथी उपलब्ध थती परंपरागत कथाओनी प्रमाणिकता उपरज चालेली छे. परन्तु एक अतिशयविशाल-- ज्ञानवाला अने कुशलविचारक विद्वाने ए प्रमाणिकताना संबंधमांज शंका करेली छे. ए विद्वान् ते मी. बाथ (Barth) छे.
१ उपरना भागमा जनोना अन्तिमतीर्थकर जे महावीर थया छे तेमनी उत्पत्तिको संवन्ध बौद्धोथी भिन्न टराबत्रा प्रयत्न करेलो छे ते प्रायः वासुदेव नरहर उपाध्ोना लेखनी साथे मळता जेबो होवाथी छोडी दई मात्र जेनोना पवित्रग्रंथोनी चर्चानो पाठलो भाग अक्षरशः अगोए लीधेलो छे, माटे जेओने पूर्वनो भाग जोवानी इच्छा थाय तेमणे जैनसा हित्यसंशोधक विमासिकना भाग १ नो अंक बीजो जोई लेवो.
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