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७ सातमो पाठ-तैत्तिरीय ब्राह्मण भाग अष्टक बीजानो छे तेमां तो प्रजापति ने परमात्मा तेमणे प्रथम सोमराजाने उत्पन्न कर्यो. अने पछीथी त्रण वेदोने उत्पन्न कर्या. अने ते वेदोने सोमराजाए पोतानी मुठीमा लेई लीधा. सोमराजाने प्रथम उत्पन्न कर्यो. तो प्रजा विना राजा कोनो थयो हशे ! अने मुठीमां वेदोने केवी रीते पकडीने राख्या हशे वारुं ? ॥
( हवे आठमो पाठ-शतपथ ब्राह्मण कांड ११ मानो आपेलो छे ते. अने (१०) दशमो पाठ-गोपथब्राह्मण भाग छठानो छे तेमां तो-प्रजापतिए पोतेज तप करीने त्रणलोकनी उत्पत्ति करी, बाद त्रणलोकनी पासे तप करावीने त्रण देवोनी उत्पत्ति करावी, त्यार बाद ते त्रणे देवोए तप कर्यो तेना पछी त्रण वेदोनी उत्पत्ति थई. आ वेदोत्पत्तिनी वात ( मा अने १० मा पाठमां मलती आवेली छे.
सज्जनो ? आ सृष्टिनी उत्पत्तिना संबंधे. तेमन वेदोनी उपत्तिना संबंधे. जो पुराणोमां सत्य प्रमाण खोळवा जईए तो कोई पुराण बतावशे-ब्रह्माजी, तो कोई शिवजी, कोई विष्णु तो कोई कालीदेवी, तेथी तेने तो पंडितो प्रमाणमां मुकवा देता नथी पण अमोए जे जे प्रमाण आपेलां छे तेमां केटलांक तो खास
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