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________________ 31 मारा ......................... પરિશિષ્ટ-૨ दरसराकायाम्पश्नावसेतामोष्यहोयाकुराहरजाकर दरबारमाहदिवसऐकुसेसावयानाके देवलहामी साताबा. कामदेवरोमप्रतमन्प्रतीत नोगतवर मानकीबोवासाकतिमा२बहानसबतिरंक कादेशलीदातीमालासबन्मापेअरकेवरका दुसराधनमासब30सीनहजारहा देहराबत सञ्चाह२॥श्कासमायकरसहत है। राजोरमेंस सेनाको हाराजाबहातगुणीहाउसनगरकार्वनमे है करदेहराहे उसकाधिएहमदरसरापाए।उही प्राग कंबनाउँहाहाँदेररहै। उसकापिरारमेरस पार फेरमागउहीनन है।ऐकेन्डश्चिन्नमुना नमकी सपनेवरसकाउँमश्नएकमंहनापंसाहा रकरतहै यान्वघरकीमरजाकस्न्याहारकर ही सुकमारकरतहैकरुजवत है फरवन मेजावत तिहीहमदरसएकुंवनप्रायने जीवावर५रगछि सादरमणकाप्रापतीनिहाँसेपीगारी मांगुहवे 3५०सादानानसेकसपरगरः सिहानबद्धीमुल्लेबी प्रदायनगरमाए निहोजेनबहानुनबड़ी उहजनका मोनवरतजनबद्धावियेऊतदहरहे सिसकापिएर हमसंगयोए अॅसबत्राकारजाकैदरबारमनकार विहाँसास्त्रतालेय उप्रेलिया महायज मामार्गवहजार हायवन हजार :निदेखनामागू३२८0गधीसहजारअन.. सैमासास्ववत्वरीसमेरधनहाहै सांस्त्र जीका राक्षसराहोनार विहान एकरला सुनाहो दिनर५पनर मन्त्राहरलताहार२त्ररथेन।कर गुरमान आमनाइवरीतोहारऽर:जाय तौलित होनहातोबन फेरेयाजाता हेमतिस्पकाथिए दरसरापारी मात्रामहाविदेषित्रेममानहाइसर जैनकाराजाप्रजासबहाशककरेगा देसकाहेजेन बीमुनाक विजनेकाबहारच्छरनवामोन्त्रा सिमानसीइमजात्राकावाचाबहमनावटकर फिरकरघेयर-१५०ीt२८. जो नामावंस उमाप्रमानाब्यात गसे संबत५मगार नेकपानातार प्रायो જૈન આત્માનંદ સભા (ભાવનગર) ४99 wwwmamemorary.org Jain Education International For Private & Personal Use Only
SR No.005233
Book TitleJain Cosmology Sarvagna Kathit Vishva Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitraratnavijay
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year2012
Total Pages530
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size28 MB
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