SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 377
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ જૈન કોસ્મોલોજી જાણવા જેવી ભૂમિકા (A) "बश्शम सौ तजरौ लो मुसतकरिल्लहा तो या ।" खेटले 3 सूर४ खे निश्चित मार्ग पर याते छे. (सूरे यामित पारा २२ रुकु पहला आयात ६७ ) (B) "बलकमरा कदरना दो मना जेला दत्ता आदंकल उरजुलि कदीमा ।" भेटले 3 सूर्य खने चंद्रमां પણ પોતાની મંજિલના નિશ્ચિત રાહી છે. તે એટલે સુધી કે ઘટતા ઘટતા ખજૂરની જૂની ડાળી (પાતલી) ની भाइ ते जनी छे. (उपरोक्त खे ४.... आयत - ३८) (c) "लश्शफ सौ यम बग्गोलहा उन तहरे कल कमरा बज्गललयव भाले कुडा व होरी ब कुल्लुन की हिलनी यस बदुना ।" खेटले } नथी सूर४थी जनी शस्तु ते यांहने ४ने पडे जने सू२४ पा द्विवसनी पहेला खावी शस्तो नथी. हरे पोताना नियत मार्ग अपर ४ वियरे छे. (४ - आयत - ३९) (D) "अश्शम सो बल कमरो बें रहुसबान ।" खेटले 3 सू२४-यंद्र खेड साथै निश्चित पणे वियरे छे. ( सूरे रहमान पारा २७, आयत ८२८ ) "बस्मला ह जाति ले बो सजे ।" खेटले डे- आसमान की कलम जिसमें बुर्ज है अर्थात् बुर्जों से मुराद हुवा कि बरा उना की मंजिल है। बुर्जा अरब में महल को कहते हैं, तारों की मंजिल का नाम बुर्ज इसलिए रहा कि वह मानो उनके घर है ।" ( सूरे बुर्जे पारा - ३० ) “इन्नल लाहा धूमसेकु रसमा बाते वल अरदा अन तजुला ।" "वलाउण जलाता इन कहु सक दोमा मिल अहदिम मिमबादेही । " એટલે કે ખુદા જ આકાશ અને જમીનને સ્થિર રાખી શકે છે કે જેથી ગબડી ન પડે, અગર જો ગબડી પડે તો ખુદાના સિવાય કોઈ નથી કે જે એને થંભાવી શકે. Jain Education International - (सूरे कातर पारा - २२, आयत - ४९ ) (" तत्वज्ञान स्मारि" भांथी साभार ) For Private & Personal Use Only 333 www.jainelibrary.org
SR No.005233
Book TitleJain Cosmology Sarvagna Kathit Vishva Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharitraratnavijay
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year2012
Total Pages530
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy