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________________ वलये तेटला गरका देवतानां सोल हजार कमलो के.एवी वलय.३ चोथे वलये अत्यंत सोस हजार कमलो . ए त्रीजु वलय. ३ चोथे वलये अत्यंतर | यानियोगिक देवताउँनां बत्रीश लाख कमलो . ए चोथु वलय. पांचमे वलये मध्यम श्रानियोगिक देवतानां चालीश लाख कमलो . ए पांचमुंवलय.५ बरे वलये वाझ श्रानियोगिक देवानां 8 श्रमतालीश लाख कमलो . ए बहुं वलय.६ मूल कमल साथे सर्व संख्याए एक कोटी, वीश लाख, | पचास हजार,एकसो ने वीश कमलो थाय . एवीजातना कमललक्षणस्थानउपर जे श्रीदेवी रहेली . वली ते केवी हती तो के मनोहर रूपवाली हती, तेमना बंने चरण सारीरीते स्थापित करेला कन-11 कमय काचवा जेवा हता, अति उन्नत अने पुष्ट एवा अंगोग उपर रहेला श्रीदेवीना नख स्वाजाविक 8 तेवा राता हता, के जाणे लाख विगेरेश्री रंग्या होय, तेवा पुष्ट, मध्ये उंचा, सूक्ष्म, ताम्रवर्णी अने र स्निग्ध नखो हता. तेमना हाथ तथा पग कमलनां पांदमांनी जेम सुकुमाल हता. तेमनी बांगली कोमल होवाथी श्रेष्ठ हती. कुरुविंद जातना श्रावर्त्तथी अथवा तेवा श्रानूषणथी शोजित, अने वृत्तानुपूर्व एटले हाथीनी सुंढनी जेम पूर्वथी उत्तरोत्तर स्थूल एवी जेनी बे जंघा हती, जेना जानु गुप्त हता, जेना 8 बंने उरु गजेंउनी सुंढ जेवा पुष्ट हता. सुवर्णनी मेखलाए युक्त होवाश्री मनोहर अने विस्तारवा_ जेनुं ६ कटितट हतुं, उंची जातना काजल, जमरा अने मेघना समूहना जेवा वर्णवाली, सरल, सरखी, घाटी, है सूक्ष्म, सुंदर, विलासथी मनोहर, शिरीष पुष्पादि वस्तुथी कोमल अने रमणीय, एवी तेनी रोमराजी, हती. तेनुं जघनस्थल नानिममलथी सुंदर,विशाल अने श्रेष्ठ लक्षणोवाळु हतुं तेना शरीरनो मध्य नाग, मुष्टिमांश्रावे तेवो अने श्रेष्ठ त्रिवलिनी रेखावालो हतो. विविध जातनां चंडकांत विगेरे मणि, वैडूर्य विहै गेरे रत्नो, कनक एटले पीतवर्ण सुवर्ण अने निर्मल मोटी जातनुं रक्तवर्ण सुवर्ण तेना रचेलां बाजरण एटले अंग उपर पहेरवानां गलचवा, कंकण विगेरे अने जूषण एटले उपांग उपर पहेरवाना मुजिका विगेरे तेथी जेनां मस्तकादि अंग श्रने अंगुली विगेरे उपांग शोजतां हतां अर्थात् ते श्रीदेवीनां अंग बाजरणोथी अने उपांग आनूषणोथी विराजित हतां. वली मोतीना हारथी ४ Jain Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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