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वडे स्निग्ध एवी जेनी कांति बे. जेनुं अंग दृढ बांधादार, मांसवागुं, एथीज पुष्ट, प्रधान अने यथास्थाने | रहेला योग्य अवयववालु होवाथी घणुं सुंदर लागे जे. जेनां बे शींगमां, घाटा वर्तुलाकार,अति उत्कृष्ट, 3 चौकाशवाला पदार्थथी अग्र नागे युक्त अने तीक्ष्ण जे. वली ते वृषन दान्त एटले क्रूर नथी, उपवने|४ हरनारो .तेना दांत सरखा प्रमाणवाला, सुशोजित अने श्वेत-निर्दोष बे. जेना परिमित गुण है एवां मंगलोनुं जे मुख एटले श्राववानुं कारण एवा वृषनने त्रिशलाए जोयो. ही तेवा वृषजना दर्शन कर्या पली श्राकाशमांथी उतरतो अने पोताना मुखमां प्रवेश करतो एक सिंह त्रिशला माताए स्वप्नमांजोयो. ते सिंह केवो ने तो के हारना समूह, क्षीरसागर, चंडकिरण,
जलनां बिं अने रूपाना महान् पर्वत वैताढ्यना जेवो उज्ज्वल जे. वली ते मनोहर होवाश्री दर्शनीय र है. तेनाबे पोहोंचा-पंका दृढ अने प्रधान ने. वर्तुलाकार, पुष्ट, परस्पर जमाएली प्रधान अने तीदण ।
दाढोथी तेनुं मुख अलंकृत थयेनुं बे. सारी रीते सिंचन करेला शातिवंत कमल जेवा कोमल अने २ प्रमाणथी सुशोजित तथा प्रधान एवा तेना बने होठ बे. राता कमलना पत्र जेवं कोमल तालबुं ने, ६ अने लप लप थती प्रधान जिह्वा बे-ए ताल अने जिह्वा ते बंनेथी ते शोजतो हतो. है। सोनी जेमा सोनुं नाखीने गाले ले तेवी कुरमीमां रहेढुं, तपी गयेलु अने प्रदक्षिणा फरतुं एवं जे है।
उत्तम सुवर्ण तेना जेवां गोल अने निर्मल विजलीजेवांचलकतां जेनां बे नेत्रो. विशाल, पुष्ट अने प्र-2 धान जेना बंने साथल . परिपूर्ण अने निर्मल जेनी कांध . कोमल, उज्ज्वल, सूक्ष्म, श्रेष्ठ लक्षणवाली अने दीर्घ एवी जे केशवाली ले तेना उडतपणाधी जे सुशोनित जे. उन्नत, कुंमलाकारे शोजायमान करी जे पोताना पूंडमाने अफलावे . जे मनथी क्रूर नथी, जेनी श्राकृति सुंदर थने जे विलास सहित गति करे जे. जे आकाशमांथी नीचे उतरे जे. जेना गाढ अने तीदण अग्रवाला नख ने अने मुखनी शोजाने माटे पचव जेवी प्रसारेली जेनी मनोहर जिह्वा बे एवा केशरीने त्रिशलाए जोयो.
ते पनी एटले सिंहना दर्शन थया पली पूर्णचं जेवा मुखवाली त्रिशला देवीए पद्मप्रहना कम
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