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श्रमण नगवान् श्री महावीरे चोमासामा पर्युषणापर्व कयुं बे. १. हे पूज्य ! ते शा कारणथी एम है कहेवाय बे के वर्षाकालना एक मास थने वीश दिवस गया बाद श्रमण जगवान् श्री महावीरे 3
चोमासामां पर्युषणापर्व कर्यु ले ? ए प्रमाणे शिष्ये प्रश्न कर्ये बते गुरु उत्तर श्रापवाने सूत्र कहे| ने ( उत्तर आपे ले ). जे कारणथी प्राये गृहस्थोनां घर सादमीथी ढांकेला होय बे, चूनाथी धोलेला होय , घास विगेरेथी थानादित करेलां होय , गण श्रादिश्री लीपेला होय जे, वृत्ति (वाम) करवा विगेरेथी गुप्त करेलां होय बे, विषम नूमिने खोदीने सरखां करेलां होय , पाषाणना कटकाथी घसीने कोमल (लीसां) करेलां होय , सुगंधी माटे धूपश्री वासित करेला
य बे, परनालरूप पाणी जवाना मार्गवालां करेलां होय श्रने खालो खोदावी राखेला होय एवी रीते (गृहस्थोए) पोताना माटे घर अचित्त करेला होय ,ते कारण थी हे शिष्य ! एम कहेवाय ने के वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद श्रमण नगवान् श्री महावीरे चोमासामां पर्युष-2 णापर्व कयु जे. २. तेवीज रीते गणधरोए पण वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद चोमा-3 सामां पर्युषणापर्व कर्यु . ३. जेवी रीते गणधरोए वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद पर्युषणापर्व कर्यु तेवी रीते गणधरना शिष्योए एक मास श्रने वीश दिवस गया बाद पर्युषणापर्व कर्यु. ४. जेवी रीते गणधरना शिष्योए वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद पर्युषणा-12 पर्व कर्यु तेवी रीते स्थविरोए पण वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद पर्युषणा-3 पर्व कयु. ५. जेवी रीते स्थविरोए वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद पर्युषणापर्व, कर्यु तेवी राते आर्यपणाए करीने अथवा व्रतस्थ विरपणाए करीने वर्तता एवा जे श्रा ( हम-10 णांना ) श्रमण निग्रंथो विहार करे जे ते पण वर्षाकालना एक मास अने वीश दिवस गया बाद
१ एक मास ने वीश दिवस पी पर्युषणा करवी एटले त्यां चोमासानो बाकीनो काल स्थिति करवानुं कहेवू, जेथी ते आरंजना निमित्त मुनि न थाय. आ रहस्य के.
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