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________________ कल्प ॥१०॥ CRICARISGARICHAYARIAGESARGAM है तेत्रीश सागरोपमनी स्थितिवाला सर्वार्थसिक नामना महाविमानथी अंतर रहित च्यवन करीने से श्राज जम्बूद्वीप नामना छीपने विषे नरतदेत्रमा श्क्ष्वाकु नूमिमा नानि नामना कुलकरनी मरुदेवा नामनी स्त्रीनी कुदिने विषे मध्य रात्रिने विषे दिव्य आहारनो त्याग करीने यावत् । गर्नपणे उत्पन्न थया. | अर्हन कौशलिक श्री रुषजदेव प्रजु (गर्नमां पण) त्रण झाने करी सहित हता, तेथी हुं च्यवीश एम जाणे त्यांथी (मरुदेवी माताए) स्वप्न जोयां ते जेमके 'गयवसह' इत्यादि गाथा अहीं कहेवी है। विगेरे सर्व वृत्तांत श्री वीर प्रजुनी पेठे (तेमना चरित्रमांथी ) जाणी लेवो, परंतु अहीं एटलुं विशेष बे के मरुदेवा माताए प्रथम वृषनने मुखमा प्रवेश करतो जोयो अने बीजा जिननी माताए प्रथम हाथीने जोयो ने तथा वीर प्रजुनी माताए सिंहने जोयो बे; अने मरुदेवाए स्वप्ननी हकी-4 हूँ कत नानि कुलकरने कही त्यारे स्वप्नपाठको नहोता, तेथी नानि कुलकरे पोतेज स्वप्ननुं फल कडं . है। ते काल श्रने समयने विष अर्हन् कौशलिक श्री ज्ञषनदेव प्रजु आ जनालानो पहेलो मास, पहेलु पखवामीयु, ते चैत्र मासनो कृष्णपक्ष, ते चैत्रमासना कृष्णपदनी श्रावमने दिवसे नव मास बरोबर परिपूर्ण थये बते यावत् उत्तराषाढा नक्षत्रमां चंयोग प्राप्त थये ते आरोग्य माताए आरोग्य पुत्रने जन्म याप्यो. है त्यारपडीनो सघलो वृत्तांत देव श्रने देवीए वसुधारानी वृष्टि करी त्यांसुधी, तेमां बंदि जनने डोमी मूकवानी, मानोन्मानना वर्जननी अने दाण मूकी देवा प्रमुख कुलमर्यादानी हकीकत बोमी दश्ने बाकीनो सर्व पूर्वोक्त प्रकारे श्री महावीर प्रजुना जन्म वखते कह्यो ने ते प्रमाणे कडेवो. __ हवे देवलोकथी च्यवेला, अद्भुत रूपवाला, अनेक देव देवीथी परिवृत थयेला, सकल गुणे ॥१५॥ ४.१ अहीं यावत् शब्दे देवनवनो त्याग करीने, दिव्य शरीरनो त्याग करीने.२ च्यवता न जाणे, च्यव्या पठी हुं च्यव्यो एम जाणे. ३ गुजराती फागण वदि . मे ४ केदखानुं नश्री अने व्यापारप्रवृति नश्री, तेथी था त्रण बाबत ते वखते करवानी नथी. Jain Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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