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________________ * एक दहामो ते वीर कुमार कौतुक रहित हता, तोपण समान वयवाला कुमारोना नपरोधथी| तेमनी साथे क्रीडा करता थका, थामलकीक्रीडा करवाने माटे नगरनी बहार गया; त्यां ते कुमारो वृक्ष पर चमवा आदिके करीने कीमा करता हता. एटलामां सौधर्मे पोतानी सनामां वीर प्रनुनी धैर्यता श्रादिक गुणोनुं वर्णन करता हवा; तेमणे कयु के हे देवो ! हमणांना कालमां म.|| नुष्यलोकमां श्री वर्षमान कुमार बालक बे, तोपण महा पराक्रमी जे; तेने इंसादिक देवो पण है। वीवराववाने समर्थ नथी; ते सांजली कोश्क मिथ्यादृष्टि देवे विचार्यु के अहो ! इंजने तो पोताना स्वामिपणाना अजिमाने करीने निरंकुश अने विचारो विनानी, एक पुंबडं नाखी नगरने दाटी 3 देवा जेवां नहीं श्रका श्रावे एवां वचनोनी चतुराई श्रावी होय तेम लागे , के जेथी एक मनु-13 ष्यकीटने पण बाटली हदे चमावी देने, माटे आजेज त्यां ज तेने बीवरावीने इंजना वचनने हुं जू पाईं. एम विचारी ते देवे मनुष्यलोकमां श्रावीने सांवेला सरखा जामा, चपल एवी बेर जीनोवाला, नयंकर फुफामावाला, अत्यंत क्रूर थाकारवाला, विस्तार पामता कोपवाला, विस्तारवाली फणावाला तथा चलकता मणिवाला एवा सर्प करीने तेणे ते क्रीमा करवाना वृदने वींव्यू. ते जो सर्व कुमारो त्यांथी नासी गया, त्यारे श्रीवीर कुमारे जरा पण लय राख्या विना, पोते त्यांजर, ते सर्पने ९ हाथमां लश्पूर फेंकी दीधो. त्यार पठी सघला कुमारो पाबा एकठा थश्ने दमानी रमत करते बते । ते देव पण एक कुमारनुं रूप विकुर्वीने तेमनी साथे क्रीमा करवा लाग्यो. ते रमतमां नीचे प्रमाणे ५ शरत इती.जे कोर कुमार हारी जाय, ते जीतेला कुमारने पोतानी पीठ पर चमावे. पडी ते देवकु मारे जाणीने हारी जश्ने प्रजुने पोतानी पीठ पर बेसामी पोतानुं सात ताड जेटबुं लंचुं शरीर कयु. दैत्यारे नगवाने पण तेनुं स्वरूप जाणीने तेने पोतानी वन सरखी कठिन मुवीथी पीठ पर मार्यो; हत्यारे ते देव पण ते प्रहारनी वेदनाथी पीडित थयो थको मशकनी पेठे संकोच पाम्यो. ते वार पड़ी ते देवे शक्रतुं वचन खरुं मानीने पोतानुं स्वरूप प्रगट कयु, तथा सघलो आगलनो वृत्तांत Jain Education Hamailonal For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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