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९ करो. वली ते नगर के ? तो के बारणांओना नागोमां चंदनना कलशोए करीने करेलां ने तो
रणो जेमां एवं ते नगर करो. वली ते नगर केतुं ? तो के नूमि पर तथा उपरना नागमा पण वि-18 स्तीर्ण श्रने गोल आकारवालो लटकावेल ने पुष्पोनी मालाथोनो समूह जेमां एवं ते नगर करो४ वली ते नगर केQ ? तो के पंच वर्णना तथा रसे करीने युक्त अजे सुरनि कहेतां सुगंधवाला / एवा जे पुष्पोना समूहो, तेश्रोनो करेल जे उपचार कहेतां शोना, तेणे करीने ते नगरने युक्त करो. वली ते नगर केवु ? तो के बलता एवा कृष्णागरु,श्रेष्ठ कुंकुरुक, तुरुष्क विगेरे जातिना धूप-13 थी मघमघी रहेला सुगंधथी अत्यंत मनोहर एवं करो तथा चूर्णोना श्रेष्ठ सुगंधथी उत्तम सुगंधवावु करो तथा सुगंधनी गोटी सरखं करो. वली ते नगर केवु ? तो के नट कहेतां नाटक करावनारा तथा नर्तक कहेतां पोते नाचनारा, तथा जहा एटले दोरीओ पर खेल करनारा, तथा मल, तथा । मुगीओथी युद्ध करनारा, तथा विज्ञवक एटले माणसोने हास्य कुतूहल करावनारा विषको, अथवा जेओ मोढांओना चालाओ करीने कुदे तेओ, ठेकनारा तथा नदी विगेरेने तरनारा तथा रसे करीने युक्त एवी वा ऊना करनाराओतथा सुंदर कथा कहेनारा तथा लासक कहेतांरास रमनारायो, तथा आरक्षको कहेतां कोटवालो, तथा लंख कहेतां वांसपर चमी तेना अग्रनाग पर खेल करनाराओ, तथा मंख कहेतां हाथमा बबी राखी निदा मागनाराओ के जेयो 'गौरीपुत्रो' एवा नामश्री प्रसिद्ध तेओ, तथा तूण नामनां वाजिन वगामनाराज, तथा तुंबवीणिका एटले वीणा वगाडनाराजे, तथा जेठ ताली वगामीने कथाओ कहे जे एवा लोको, तेए करीने संयुक्त, एवा आ * क्षत्रियकुंमग्राम नामना नगरने तमो पोते करो, बीजा पासे तेम करावो अने तेम करीने तथा है करावीने हजारो गमे गामांनां धोंसरां तथा प्रसिद्ध एवां हजारो गमे मुशलो उत्सवनी अंदर उन्नां करावो. ( तेम कराववानी मतलब ए के ते महोत्सव चालते उते, तेम करवाश्री, गाडां खेमवानी तथा खांमवा श्रादिकनी मना करेली , एम वृक्ष श्राचार्योनो मत .) एम करीने *
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