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________________ ।। मेवाडनी अस्मिता चउद रत्नो ॥ // (१) केशरीयाजी जैन तीर्थ. पो. धुलव (राज.) उदयपुरथी 60K.M. ११ लाख वर्ष प्राचीन भव्य प्रतिमा विशाल देरासर भोजनशाला, धर्मशाला छे. (२) भावि चोवीशी पद्मनाभ स्वामि तीर्थ उदयपुरमा हाथी पोली अडयो K.M. ७२ इचनी पद्मनाभ स्वामिनी आरसनी भव्य प्रतिमा । बीजा त्रण देरासरो । भोजनशाला छे. (३) आयड तीर्थ तपागच्छ उद्गम स्थल. उदयपुरमा हाथी पोलथी 2K. M. दूर । चार भव्य देरासरी तपागच्छ ना आदि आचार्य जगच्चन्द्रसूरि नी गुरुमूर्ति भोजनशाला बनशे (४) ईसवाल पार्श्वनाथ प्राचीन तीर्थ. पो. ईसवाल जिला उदयपुर नेशनल हाईवे ८. राणकपुर उदयपुरती बच्चे भव्य प्राचीन तीर्थ । धर्मशाला छे. भोजनशाला बनशे. ५) नेमिनाथ आदि पंच तीर्थ खमनौर. पो. खमनौर (राज.) जिला उदयपुर हल्दीघाटीनी नजीक, रक्ततलाइना कोट, पांच भव्य देरासरी । भोजन शाला बनशे । गाम छ. (६) दयालशा किला भव्यतीर्थ. पो. राजसमन्द (राज.) कांकरोली थी एक कि.मी. चौमुख आदीश्वर भगवाननुं विशाल देरासर बीजा ऋण देरासरो अने गुरु गौतम मंदिर धर्मशाला, भोजनशाला, आयंबिल नी पूर्ण सगवड । चितोडगढ़ (राज.) भोजनशाला चालू दे. पो. चिनीडगढ़ (राज.) ज भोजनशाला संथी मां देरासर । (७) करेडा पार्श्वनाथ तीर्थ. पो. भोपालसागर. जिला सम्पति कालीन स्थागवणं पार्थ प्रभूतं वाचन जिनालय (८) चित्तौडगढ़ तीर्थ सातवीश देवरी किला उप शहरमा लिंगा का मंदिर गुरुकुल मां देरासर, पास (९) बनेडा प्राचीन जैन तीर्थ. गाम बनेडा, जिला भीलवाडा (राज.) गाममां जैन घरो छे. सप्तरंगी आदिनाथ भगवाननी प्रतिमाओं । सोनाना 23 कलशयुक्त विशाल देरासर. (१०) सुमतिनाथ जैन देरासर, गोमती चोराया। पो. जनावद. जिला - राजसमन्द (राज.) भारत भरमा प्रथम ओसवाल वंश स्थापक आचार्यश्री रत्नप्रभसूरि गुरु मंदिर भोजन शाला ((११) केलवा प्राचीन तीर्थ. आरसनुं मथक जिला राजसमन्द (राज.) नेश. हाई वे ८ श्वे. तेरापंथ उद्गम स्थल । प्राचीन विशाल ऋण देरासरो । गाममां जैनांनी वस्ती । (१२) मेवाड देलवाडा प्राचीन तीर्थ. पो. देलवाडा जिला. राजसमन्द (राज.) | एक हजार वर्ष प्राचीन पांच देरासरी मां विशाल सुंदर प्रतिमाओं. भोजनशाला चालु छे. (१३) अद्भुतजी शांतिनाथ खामि तीर्थ. एक लिंगजी थी एक कि.मी. दूर 72 इंचनी श्यामवर्णी भव्य पद्मासन प्रतिमा बीजा प्राचीन ऐतिहासिक देरासरां । (१४) श्री राजपुरा आदिनाथ तीर्थ (कानोड) कानोडी एक K.M. दूर प्रकृतिनी गोदमां । प्राचीन देरासर भव्य प्रतिमा दर शनिवारे सामुहिक भक्ति पूजा थाय छे. 1 - आ रह्यो भोमियो अमदावाद थी आवनार हिम्मतनगर थइ केशरीयाजी । पछी उदयपुरमा आयड, पद्मनाभ स्वामिना दर्शन करी 25 K. M. देलवाडा तथा अद्भुतजी दर्शन करी उदयपुर आदी ईसवाल त्यांथी 125K.M. खमनौर त्यांथी 32 K.M. दयालशा किला थी केलवा 10K.M. त्यांथी गोमती चोराया 18 'K.M. त्यांची दपालशा किला थई करेडा पार्श्वनाथ (भोपालसागर) त्यांची चितांग 50K.M. भीलवाडानी पास बनेडा ऐ चित्तीड थी कानोड बहने राजपुरा तीर्थ । (१५) समचरण तीर्थ आचार्यश्री हिमाचलनगर, चारभुजा चांराया (निर्माणाधीन) देसुरी थी 18 K. M., चारभुजाथी 1K.M., रिछेडथी 5K.M. दर्शन जरूर करवा । सौजन्य : प.पू. मेवाडदेशोद्धारक आचार्यश्री जितेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. नी प्रेरणाथी मजेरा निवासी संघवी शा. डालचंदजी खिमराजजी वैद मेहता घ. प. अंसीबाईनी विविध आराधना निमित्ते Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005140
Book TitleJain Pratibha Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal B Devluk
PublisherArihant Prakashan
Publication Year1997
Total Pages1192
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size48 MB
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