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[भातमी आसनरक्षामंत्र- एसो पंचनमुक्कारो स्वाहा ॥६॥ [एसो पंचनमुक्काशे-शिलावज्रमयी तले॥६॥]
MP मातमीस्थिति
हामी बकवच कल्पना)मंत्र-जसव्वपावप्पणासणो स्वाहा ॥७॥ [सव्वपावप्पणामणो, वो वज़मयो बहिः ।
आठमीस्शिता
जोर
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नवौ स्बाई कल्पना मन - न मंगलाणं च सव्वेसिं स्वाहा ॥८॥ [मंगलाणं च सव्वेसि, स्वादिङ्गार- स्वातिका ८०]
नशमी स्थिति
समी बाच्छावन कल्पना) मंत्र- पढमं हवइ मंगलं स्वाहा ॥९॥
स्वाहान्तं च पर डेय, पटम हवह मंगलं। वापरि वजाय, पिधान दह-नक्षणे।।९।।
दसमीस्थिति
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