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(भीजी मुरवरक्षा
मंत्र-नमो सिदाणं स्वाहा ॥२॥ [उँ नमो सव्वसिदाणं, मुखे मुखपटं वरम् ॥२॥
(घोथी अंग-कपचरक्षा| मंत्र - नमो आयरियाणं स्वाहा ॥३॥ | नमो आयरियाणं, अंगरक्षातिशायिनी ||
जीजीस्थिति
PAD
चोधी स्थिति
।
साचो हस्तरक्षा आदि| मंत्र- नमो उवज्झायाणं स्वाहा ॥४॥ [ नमो उवज्झायाणं, आयुधं हस्तयो दृढ॥४॥||
ही पादरक्षा मंत्र न नमो लोए सब्यसाहूणं स्वाहा [[ नमो लोए शव्वशाहणं, मोरके पादयोः शुभे]
Aalary छवी स्थिति
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पांचमी विति
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