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श्री शत्रुजयावंतसक ऋषभदेवाय नम:
चतुरिकसूर्य श्री अजितनाथाय नमः। श्री वर्धमान-सत्य-नीति-हर्ष-महेन्द्र-मंगलप्रभ अरिहंतसिद्ध-हेमप्रभ सूरि सद्गुरुभ्यो नमः
श्री सिद्धाचल गिरिराज की
सौम्य छायामें प.पू. गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय अरिहंतसिद्ध सूरीश्वरजी म.सा. के सद्उपदेश से नवनिर्मित
मंदिर अंजनशलाका
अदीद्वीप सह १७० जिन मर
श्री अढीद्वीप
महाप्रतिष्ठा महोत्सव
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सूरि सम्राट का सुहाना सान्निध्य चौविहार छट्ट करके शत्रुजय गिरिराज की ७-७ यात्रा सैंकडोंबार करनेवाले
भीष्म तपस्वी भव्यजीवमनरंजन पुण्यदर्शन-निकट भवमोक्षगामी प.पू. गच्छाधिपति आचार्य श्री विजय अरिहंतसिद्ध सूरीश्वरजी म.सा. शासनश्रृंगार मुनिहृदयशक्तामौतिक परमवात्सल्यमहासागर करुणामृतनयन प.पू. आचार्यश्री विजयहेमप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. आदि ४०० श्रमण-श्रमणी की पावन उपस्थिति प्रतिष्ठामहोत्सव प्रारंभ अंजनविधि एवं रथयात्रा
प्रतिष्ठा शुभदिन पोष सुदि-१२,शनिवार, पोष (माघ) वद-४, शनिवार, पोष (माघ) वद-६, सोमवार, दिनांक : १९-१-२००८ दिनांक : २६-१-२००८ दिनांक २८-१-२००८ इस महोत्सव पर पधारने हेतु आप सभी को भावभरा निमंत्रण है
:: तीर्थ स्थल ::
श्री अद्वीढिप सह १७० जिनमंदिर तीर्थ पालिताणा अहमदाबाद हाइ-वे, मु. मालपरा, पोस्ट पालिताणा (सौराष्ट्र) तलेटी से मात्र पांच कि.मी. संपर्क : लुणावा मंगल भवन-पालिताणा फोन : (०२८४८) २५२३१६/२५३५७५)
निमंत्रक : मंगल-अरिहंत-सिद्धाचल धाम जैन ट्रस्ट
अभिनव काव्यमय तीर्थकी कुछ विशेषताएं • पृथ्वी कैसी गोल है?
समंदर का पानी खारा क्यों होता है ? • नवनिधान कहां पर है?
लक्ष्मीजी एवं सरस्वतीजी का निवासस्थान कहाँ है? • महाकाय मनुष्यों का फिलहाल निवास कहाँ है? • देवताई नगरियाँ कहाँ आयी हुई हैं ? • महा काय वृक्षपर भी जिनालय होते हैं वे कहाँ हैं? • इस पृथ्वी पर कई सूर्य चंद्र हैं वे कहाँ हैं? • मेरु पर्वत कहाँ पर है ? • इस धरती पर शुद्ध-सोना-चांदी-रत्न-हीरा-जवाहरात
आदि के पर्वतों की हारमाला कहाँ आई हई हैं?
ऐसे तो असंख्य सवालों का जवाब एक मात्र यह तीर्थ है। Hil आईए पधारिए इतिहास के साक्षी बनने का सौभाग्य आपके नसीब है?
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