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________________ आनन्दपुर ] प्रख्यात हतुं. आनंदपुरमा थती यक्षपूजा जाणीती हती. आनंदपुरना लोका शरदऋतुमा प्राचीनवाहिनी सरस्वतीना किनारे जईने संखडि -उजाणी करता हता. प्राचीनवाहिनी सरस्वती उत्तरगुजरातमां सिद्धपुर पासे छे, ज्यां हजी पण कार्तिकी पूर्णिमानो मोटो मेळो भराय छे अने आसपासना प्रदेशना लोको एकत्र थाय छे. वळी उपर्युक्त उल्लेख बतावे छे के आनंदपुर ए प्राचीनवाहिनी सरस्वतीर्थी अदूरवर्ती हो, जोईए, जे हालना वडनगर साथे ठीक बंब वेसे छे. ___आनंदपुरमा प्रचलित केटलांक धाराधोरणोनो पण निर्देश मळे छे; जेम के कोईना उपर खड्गनो प्रहार थवाथी ए मरी जाय तो मारनारनो अंशी रूपक दंड थतो, प्रहार थाय पण मरे नहि तो पांच रूपक, अने मोटो कलह करवा माटे साडातेर रूपक दंड थतो." आनंदपुर संबंधमां केटलीक लोकवार्ताओ पण आगमसाहित्यनी टीकाचूर्णिओमां संघराई छ : ___ आनंदपुरमा एक ब्राह्मण पुत्रवधूनो सहवास करतो हतो अने पछी उपाध्यायने कहेतो के- आजे स्वप्नमां मने पुत्रवधूनो सहवास थयो हतो." आनंदपुरनो बोजो एक चतुर्वेदी ब्राह्मण कच्छमां गयानो उल्लेख छे. आनंदपुर ब्राह्मणोनु केन्द्रस्थान हतुं ए वस्तु आमांथो पण फलित थाय छे. आनंदपुर- 'कालनगर' एवं पर्याय नाम एक स्थळे आपेलं छे. सेंकडो अने. हजारो हाथीओथी संकुल विन्ध्य नामे अरण्य आनंदपुरनी पासे आवेलु हतुं एवो एक उल्लेख ‘पिंडनियुक्ति 'नी टीकामां छे." आ आनंदपुर ए उत्तरगुजरातनुं वडनगर नहि .पण विन्ध्याटवी पासेनुं बीजु काई आनंदपुर होवू जोईए. १ एना स्थान विषेनी साधारण चर्चा माटे जुओ पुगु मां आनन्दपुर. विविध साधनो उपरथी संकलेत करेला वडनगरना संक्षिप्त इतिहास माटे जुओ श्री. कनैयालाल दवेकृत पुस्तिका 'वडनगर.' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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