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________________ अजमेर १ उत्तराध्ययननी उपर्युक्त बेट्रीकाओमां सचवायेली अगदत्तनी कथानी बे विभिन्न पाठपरंपराओनो समावेश डा. चाकोबीए Erzahlu. ngen in Maharastri ए ग्रन्थमां को छे, तथा ए बन्नेना केटलीक युरोपीय भाषाओमां अनुवाद पण थया छे. 'वसुदेव-हिंडी'- अंतर्गत कथाना अनुवाद माटे जुओ ए ग्रन्थन में करेलु गुजराती भावान्तर, पृ ४५-६०. उत्तराध्ययन-टीकाओमानी कथाओ साथे 'वसुदेव-हिंडी'मांना कथानकनी तुलना माटे जुओ 'न्यू इन्डियन अॅन्टीकचेरी, वो. १ (१२८१-९९) मां डा. आल्सडॉर्फनो लेख 'ए न्यू वर्झन आफ धी अगडदत्त स्टोरी. २ जिरको, पृ. १ ३ जुओ 'जैन गुर्जर कविओ,' भाग १-२-३ अचलग्राम अचलग्रामना भद्रिक कौटुम्बिकोए यशोधरमुनिनी पासे दीक्षा लीधी हती. आ अचलग्राम ए ज आभीरदेशमां आवेलुं अचलपुर के एथी भिन्न ए नक्की थई शक्यु नथी. १ मस, गा. ४४९-५१ अचलपुर आभीरदेशमां कृष्णा-वेणा नदीओना संगमस्थान पासे आवेढुं नगर. कृष्णा-वेणाना संगम आगळ आवेला ब्रह्मद्वीप नामे द्वीपमा वसता पांचसो तापसोने आर्य वजना मामा आर्य समितसूरिओ प्रतिबोध पमाड्यो हतो; ए प्रतिबोध पामेल तापसोथी जैन साधुओनी ब्रह्मद्वीपक नामे शाखानो आरंभ थयो हतो.' जुओ आभीर १ आचू, पूर्व भाग, पृ. ५४३; आम, पृ. ५१५, कसं, पृ. १३२; कसु, पृ. १३४; ककि, पृ. १७१; कदी, पृ. १४९-५९, नंसू, पृ. ५१; विनिम, पृ. १४४. अजमेरु अजमेर. अजमेर पासेना, राजा सुभटपाल-शासित गाम हर्षपुरमा ब्राह्मणा यज्ञमां बकराने मारता हला त्यारे प्रियग्रन्थसूरिए पोतानी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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